स्पेनिश टेनिस सनसनी कार्लोस अल्कारेज का सर्बिया के दिग्गज नोवाक जोकोविच से 9 जून 2023 को मुकाबला जारी था. पेरिस में खेले गए साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का ये हाईवोल्टेज सेमीफाइनल एक यादगार मुकाबले में तब्दील होता दिख रहा था कि तभी तीसरे सेट में टॉप सीड अल्कारेज को पैर में अचानक क्रैम्प आ गया उस समय दोनों खिलाड़ी एक-एक सेट जीत चुके थे. इसके बाद सिर्फ औपचारिकता रह गई और जोकोविच ने 4 सेटों में मैच अपने नाम कर लिया. इसके करीब 5 हफ्ते बाद 16 जुलाई को दोनों खिलाड़ी एक बार फिर आमने-सामने थे. लेकिन इस बार खिताबी मुकाबला था और दांव पर थी विम्बलडन की ट्रॉफी. अल्कारेज ने निराशा को पीछे छोड़ते हुए लंदन के ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस क्लब के सेंटर कोर्ट पर 4 घंटे, 42 मिनट तक चले रोमांचक मुकाबले में 7 बार के टूर्नामेंट चैम्पियन को हराकर उनके लगातार 34 मैचों के विजय रथ को रोक दिया. आखिर अल्कारेज ने इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी सफलता कैसे पाई, आइए जानते हैं…
फेडरर, नडाल और जोकोविच का मिश्रण
स्विस दिग्गज रोजर फेडरर के पूर्व कोच इवान जुबिसिच ने कहा था कि उन्हें अल्कारेज में फेडरर, नडाल और जोकोविच, तीनों की झलक दिखती है. इस बात पर विम्बलडन का फाइनल हारने के बाद जोकोविच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हामी भरी. अल्कारेज को लेकर उन्होंने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मैंने उनके जैसा खिलाड़ी का कभी सामना नहीं किया. काफी लोग पिछले 12 महीनों से बात कर रहे हैं कि उनके खेल में फेडरर, नडाल और मेरे (जोकोविच) जैसी कुछ समानताएं हैं, जिनसे मैं सहमत हूं. वह एक संपूर्ण खिलाड़ी हैं.'
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महानतम टेनिस खिलाड़ियों में से एक यूं ही तारीफ के कसीदे नहीं पढ़ रहे. अल्कारेज ने विम्बलडन फाइनल में सेंटर कोर्ट पर इसका भरपूर प्रदर्शन भी किया. उन्होंने नडाल जैसा कभी हार न मानने वाला जज्बा और ताकत दिखाई. कम स्पिन के साथ फ्लैट फोरहैंड और आक्रामक अंदाज ने रिकॉर्ड 8 बार के विम्बलडन चैंपियन फेडरर की याद दिलाई. डबल हैंडेड बैकहैंड और दबाव और अहम मौकों पर मानसिक दृढ़ता के साथ शानदार खेल दिखाया, जो हमेशा से ही जोकोविच के खेल के साथ जोड़ा जाता है.
ऑल-कोर्ट गेम
स्पेन से होने के कारण अल्कारेज को नडाल (रिकॉर्ड 14 फ्रेंच ओपन विजेता) की तरह क्ले कोर्ट स्पेशलिस्ट माना जाता है. लेकिन इस युवा खिलाड़ी ने 2022 में यूएस ओपन के रूप में अपना पहला ग्रैंड स्लैम हार्ड कोर्ट पर जीता. उसके बाद अब विम्बलडन चैंपियन बनकर इस मिथक को तोड़ दिया कि वो सिर्फ लाल बजरी पर ही बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. उनका ऑल-कोर्ट खेल अल्कारेज को और खास और खतरनाक अपोनेंट बनाता है. इसके अलावा उनके खेल में विविधता भी दिखती है. जोकोविच ने विम्बलडन फाइनल के बाद कहा, 'मुझे उम्मीद नहीं थी कि वह (अल्कारेज) इस साल ग्रास कोर्ट पर इतना अच्छा खेलेंगे, लेकिन उन्होंने साबित कर दिया कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं.' अल्कारेज सिर्फ बेसलाइन से दमदार ग्राउंडस्ट्रोक ही नहीं, बल्कि मौका मिलने पर अपने नेट प्ले और ड्रॉप शॉट्स से भी विपक्षी को छकाने में माहिर हैं. जिसका तोड़ 23 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता जोकोविच भी विम्बलडन फाइनल में नहीं निकाल पाए.
"I haven't played a player like him ever"@DjokerNole discusses what makes @carlosalcaraz so tough to face#Wimbledon pic.twitter.com/leVry0K8lv
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हाइप के दबाव को हावी नहीं होने दिया
अल्कारेज की हमेशा से ही 22 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता और हमवतन नडाल से तुलना होती रही है. लेकिन उन्होंने अब तक अपेक्षाओं के दबाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. अल्कारेज ने पिछले 12-18 महीनों में ना केवल अपने टैलेंट को लेकर हो रही हाइप और प्रचार को दरकिनार किया, बल्कि उससे भी आगे निकलकर शानदार नतीजों में तब्दील किया. इसी का नतीजा है कि पूर्व महान खिलाड़ियों ब्योर्न बोर्ग और बोरिस बेकर के बाद स्पेन के 20 वर्षीय टेनिस स्टार विम्बलडन में तीसरे सबसे कम उम्र के मेंस चैम्पियन बने. उनकी ये उपलब्धि इसलिए और भी खास है क्योंकि इससे पहले सितसिपास, बेरेटिनी और जवेरेव जैसे ’सेकेंड जेन’ के खिलाड़ी जोकोविच के सामने खिताबी मुकाबलों में दबाव में बिखरते और घुटने टेकते नजर आए हैं, लेकिन अल्कारेज ने गजब की परिपक्वता दिखाते हुए सर्बियन दिग्गज का न सिर्फ डटकर सामना किया, बल्कि उनके ‘अभेद्य किले’ को भी तोड़ दिया.
मानसिक मजबूती
टॉप सीड और वर्ल्ड नंबर-1 होने के बावजूद अल्कारेज के लिए विम्बलडन का ख़िताब जीतना कतई आसान नहीं था. सामने ऐसे विरोधी की चुनौती थी, जो 4 बार का डिफेंडिंग चैंपियन था और पिछले 10 साल से सेंटर कोर्ट पर एक भी मैच नहीं हारा था. किसी ने नहीं सोचा होगा कि इतने दबाव वाले मैच में जोकोविच को एक 20 साल का बहुत कम अनुभव वाला खिलाड़ी शिकस्त दे सकता है. लेकिन अल्कारेज ने साहस का परिचय दिखाते हुए पूरी दुनिया को दिखाया कि क्यों उन्हें टेनिस जगत में ‘Next Big Thing’ कहा जा रहा है.
विम्बलडन फाइनल में अल्कारेज एक समय पहला सेट एकतरफा गंवाने के बाद दूसरे सेट में सेट प्वाइंट का सामना कर रहे थे. लेकिन जबरदस्त वापसी करते हुए उन्होंने टाईब्रेकर में दूसरा सेट जीता. 26 मिनट और 32 प्वाइंट तक चला तीसरे सेट का पांचवा गेम मैच के नतीजे के लिहाज से काफी अहम साबित हुआ. जिसे स्पेनिश खिलाड़ी ने कड़े संघर्ष और मानसिक मजबूती का परिचय देते हुए अपने नाम किया. जोकोविच इतनी आसानी से हार मानने वाले नहीं थे. उन्होंने शानदार वापसी करते हुए चौथा सेट जीता. पांचवे और निर्णायक सेट में अल्कारेज ने दोबारा लय हासिल की और सर्बियन प्लेयर के सर्व को तोड़ने में सफलता पाई. जिसके बाद जोकोविच ने ग़ुस्से में नेट पोस्ट पर रैकेट दे मारा. खिताब के लिए सर्व करते हुए अल्कारेज ने कोई दबाव नहीं दिखाया और इस तरह विम्बलडन को एक नया बादशाह मिल गया और टेनिस जगत को नया सितारा.