रवि दहिया ने ओलंपिक में पुरुषों के 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में रजत पदक जीत कर अपनी ताकत और तकनीक का लोहा मनवाया. हरियाणा के सोनीपत जिले के नाहरी गांव में जन्मे रवि दहिया दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में प्रशिक्षण लेते हैं, जहां से पहले ही भारत को दो ओलंपिक पदक विजेता- सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त मिल चुके हैं.
छत्रसाल स्टेडियम में रवि दहिया जिस कमरे में पिछले 11 साल से रह रहे हैं, वह तकरीबन 12 बाई 12 का है. इस छोटे कमरे में चार पहलवान एक साथ रहते हैं. रोचक बात यह है कि इसी कमरे में पूर्व ओलंपिक मेडल जीतने वाले योगेश्वर दत्त भी रहते थे. यह कमरा पूरी तरह से पक्का नहीं है, हालांकि अब इसमें एयर कंडीशनर जरूर लगा दिया गया है.
पिता राकेश कुमार ने रवि को 12 साल की उम्र में छत्रसाल स्टेडियम भेजा था. उनके पिता रोज अपने घर से 60 किमी दूर छत्रसाल स्टेडियम तक दूध और मक्खन पहुंचाते थे.
कमाल मलिकोव (फिटनेस ट्रेनर) को अप्रैल 2021 से टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) के तहत रवि दहिया की मदद के लिए नियुक्त किया गया था. पोलैंड ओपन के स्वर्ण पदक मैच में मिली हार ने 23 साल के पहलवान और 34 साल के कोच दोनों को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया था.
With coach @kamal__malikov from Russia and @gaidarov_74 from
— Mahabali Satpal (@SatpalMahabali) February 2, 2020
Belarus 🤼 pic.twitter.com/pzK5zFUmkv
कोच सतपाल सिंह ने भी माना कि सेमीफाइनल में 2-9 से पिछड़ने के बाद रवि दहिया का अपने प्रतिद्वंद्वी को चित करने का प्रदर्शन बेजोड़ रहा.