सेना के जवान अरविंद सोलंकी लहरों से लड़कर टोक्यो ओलंपिक में रोइंग में मेडल लाने के लिए जुट गए हैं. बुलंदशहर के खुर्जा तहसील के खबरा गांव के अरविंद का ओलंपिक में पहली बार लाइटवेट डबल स्कल्स स्पर्धा में चयन हुआ है. अर्जुन जाट और अरविंद की यह एकमात्र जोड़ी टोक्यो में उतरेगी. ओलंपिक खेलों का आयोजन 23 जुलाई से 8 अगस्त तक चलेगा.
पिता विजय सिंह बताते है कि अरविंद ने 8वीं तक की पढ़ाई अपने गांव से की. इसके बाद अलीगढ़ से 10वीं तथा 12वीं की परीक्षा पास की. 23 साल की उम्र में सेना में उनकी नौकरी लग गई. इस दौरान सेना के एक अधिकारी ने उनकी कद-काठी और रुचि को देखते हुए उन्हें रोइंग के लिए तैयार किया.
इसके बाद ही अरविंद सेना के अधिकारी के निर्देश पर रोइंग के खेल में जुट गए. अब तक दर्जनों प्रतियोगिताओं में अपनी छाप छोड़ने के बाद उन्होंने टोक्यो ओलंपिक का टिकट हासिल कर लिया. अरविंद अभी पुणे में है और तैयारी में जुटे हैं. अरविंद 2016 में फौज में भर्ती हुए और उन्होंने 2017 में रोइंग में खुद को आजमाना शुरू किया. अरविंद का सपना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करना है.
अरविंद के परिजनों का कहना है कि शुरुआत में संघर्ष करना पड़ा. परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत नहीं थी. पिता पर दो बेटी और दो बेटों को पढ़ाने और शादी करने की जिम्मेदारी थी. पिता कहते है कि रोइंग खतरों से भरा है, लेकिन अरविंद देश का नाम रोशन करने के लिए लगातार नेशनल स्तर पर अपनी उपयोगिता साबित करने में आगे रहा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह सिल्वर मेडल जीत चुका है और गत कई वर्षों से ओलंपिक में चयन होने के लिए तैयारी कर रहा था.
अरविंद 2018 जकार्ता एशियन गेम्स में भाग ले चुके हैं. 2018 में उन्होंने 37वीं नेशनल चैम्पियनशिप में दो गोल्ड मेडल हासिल किए. 2019 में हुई वर्ल्ड रोइंग चैम्पियनशिप में उन्हें 13वां स्थान मिला. अरविंद ने 2019 में साउथ कोरिया में हुई 19वीं एशियन चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल अपने नाम किया. उन्होंने 38वीं नेशनल चैम्पियनशिप में दो सिल्वर मेडल जीते. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अरविंद को 5 लाख रुपये का पुरस्कार मिल चुका हैं. खेल में उम्दा प्रदर्शन के लिए हाल ही में उन्हें जेसीओ पद पर प्रमोट किया गया. गांव वालों को पूरा भरोसा है कि अरविंद रोइंग में मेडल लेकर स्वदेश लौटेंगे.