'गोल्डन ब्वॉय' नीरज चोपड़ा (Golden Boy Neeraj Chopra) बचपन में शरारती थे, कभी-कभी उनकी पिटाई भी हो जाती थी. हालांकि तब मां उन्हें बचा लेती थी. ये बातें 'आजतक' के खास कार्यक्रम 'जय हो' में टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने बताईं.
नीरज ने जैवलिन थ्रो (Javelin Throw) में गोल्ड मेडल जीता है. 'गोल्डन ब्वॉय' नीरज चोपड़ा से जब पूछा गया कि क्या उन्हें बचपन में कभी मार पड़ी है? तो उन्होंने कहा कि, 'हां कभी-कभी जब भाई-बहन लड़ते थे तो मार पड़ जाती थी, लेकिन मां सबसे पहले बचाती थी. कई बार गुस्सा होती तो मारती भी थी.'
ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर घर आने पर क्या माहौल था? इस सवाल के जवाब में नीरज चोपड़ा ने कहा कि मां रो रही थी. ये देखकर मुझे अजीब लगा, लेकिन हर मां का अपने बच्चे के प्रति प्यार होता है. मैंने अपनी मां के गले में मेडल डाल दिया. उनकी वजह से ही मैं आज यहां हूं.
क्या आप अब भी शरारती हैं? सवाल के जवाब में नीरज कहते हैं कि हां थोड़ा-बहुत. कभी-कभी आपस में दोस्तों के साथ हंसी मजाक कर लेता हूं. हालांकि वो बचपन में कितने शरारती थे? इस सवाल पर वो मुस्कुराकर मां से पूछने के लिए कहते हैं.
अपनी जीत पर नीरज चोपड़ा कहते हैं कि ये 4-5 साल की मेहनत नहीं है. जबसे मैंने जैवलिन शुरू की ये वो मेहनत है. ये मेहनत 2011 से चल रही है और इसका नतीजा अब मिला है. नीरज ने कहा कि मैंने मेडल के लिए बहुत मेहनत की थी. दुनिया के कई दिग्गज खिलाड़ी फाइनल में थे, लेकिन वो दिन मेरा था और मैं जीत गया.