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टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में मंगलवार सुबह भारत और बेल्जियम के बीच सेमीफाइनल का मुकाबला खेला गया. दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर हुई. करीब चार दशक के बाद भारतीय टीम के सामने ओलंपिक में गोल्ड या सिल्वर मेडल जीतने का मौका था, ऐसे में पूरा देश अपनी टीम का हौसला बढ़ा रहा था.
भारत ने सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों 5-2 से मुकाबला गंवा दिया. हालांकि, अब भी भारत के पास ब्रॉन्ज़ मेडल जीतने का मौका है.
पीएम मोदी ने भी देखा मैच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया कि वह भी भारत और बेल्जियम का सेमीफाइनल मैच देख रहे हैं. हमारी टीम और उनकी स्किल पर हमें गर्व है, सभी को बेस्ट ऑफ लक.
I’m watching the India vs Belgium Hockey Men’s Semi Final at #Tokyo2020. Proud of our team and their skills. Wishing them the very best!
— Narendra Modi (@narendramodi) August 3, 2021
ना सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बल्कि टीम इंडिया के खिलाड़ियों के परिवार ने भी मैच के दौरान अपनी टीम का हौसला बढ़ाया. भारतीय टीम में डिफेंडर की भूमिका निभाने वाले वरुण के माता-पिता भी सुबह से ही टीवी के सामने बैठे रहे और अपने बेटे का हौसला बढ़ाया.
टीम इंडिया में फॉरवर्ड पॉजिशन पर खेलने वाले गुरजंत सिंह के ने परिवार भी अमृतसर में मैच देखा और टीम का हौसला बढ़ाया.
Punjab: Family members of the men's hockey team forward Gurjant Singh cheering for the Indian team at their house in Amritsar.
— ANI (@ANI) August 3, 2021
Indian men's hockey team is in action against Belgium in the #TokyoOlympics semi-final. pic.twitter.com/CVXBhe9OOq
भारतीय टीम का हौसला बढ़ाने के लिए सुरक्षाबलों के जवान भी आए. जम्मू में CRPF के जवान भारत और बेल्जियम का मुकाबला देख रहे हैं. जवानों ने टीम इंडिया का हौसला बढ़ाया, भारत माता की जय के नारे लगाए.
#WATCH | CRPF jawans cheer for Indian men's hockey team in Jammu, chant 'Jeetega bhai jeetega, India jeetega' & 'Bharat Mata ki Jai'.
— ANI (@ANI) August 3, 2021
India is playing against Belgium in the semi-final at #TokyoOlympics. pic.twitter.com/ohEneoSOtx
भारत की ओलंपिक टीम करीब 49 साल के बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थी. वहीं, करीब चार दशक के बाद टीम इंडिया ओलंपिक में मेडल जीतने की दहलीज पर खड़ी है. टीम इंडिया ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उसने एक बार फिर भारतीय हॉकी के स्वर्णिम काल की याद दिलाई है.