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Tokyo Olympic: उम्र 24 साल, मोहम्मद अली की फैन...लवलीना बोरगोहेन की असम से टोक्यो पहुंचने की कहानी

टोक्यो जाने वाली महिला टीम की सबसे युवा सदस्य लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) सिर्फ 24 साल की हैं. 24 साल की उम्र में उन्होंने असम के एक छोटे से गांव से ओलंपिक तक का सफर तय किया है.

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बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन असम की रहने वाली हैं
बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन असम की रहने वाली हैं
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टोक्यो गईं बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन असम की रहने वाली हैं
  • लवलीना बोरगोहेन 69 किग्रा में बॉक्सिंग करेंगी

जापान की राजधानी टोक्यो में हो रहे ओलंप‍िक खेलों (Olympic Games Tokyo 2020) में भारत की तरफ से 119 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. इसमें भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) भी शामिल हैं. टोक्यो जाने वाली महिला टीम की सबसे युवा सदस्य लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) सिर्फ 24 साल की हैं. 24 साल की उम्र में उन्होंने असम के एक छोटे से गांव से ओलंपिक तक का सफर तय किया है.

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लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain in Tokyo Olympic Games) असम के गोलाघाट जिले में पड़ने वाली सरुपथर विधानसभा के छोटे से गांव बरोमुखिया की रहने वाली हैं. उनके गांव में महज 2 हजार की आबादी है. अब सभी को आशा है कि मेहनती लवलीना बोरगोहेन टोक्यो से ओलंपिक मेडल के साथ वापस आएंगी.

लवलीना का ओलंपिक में पहुंचना असम के लिए बड़ी बात

दो बार विश्व चैंपियनशिप में पदक जीत चुकीं लवलीना असम की पहली बॉक्सर हैं जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई किया. 1.77 मीटर लंबी लवलीना बोरगोहेन टोक्यो ओलंपिक में 69 किलोग्राम वर्ग में खेलेंगी. गांववाले अपनी बेटी के लिए बहुत खुश हैं.

बरोमुखिया गांव में लवलीना के पड़ोसी स्वपन चक्रवर्ती ने कहा, 'हमें बहुत गर्व है कि यहां से लवलीना ओलंपिक तक पहुंचीं. यहां खेल का कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है. बॉक्सिंग रिंग तक नहीं है. लेकिन उसकी मेहनत ने उसे इतना आगे पहुंचाया. हमें आशा है कि वह ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन करेगी.'

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लवलीना बोरगोहेन का हौसला बढ़ा रहे असम के लोग

लवलीना के पहले मैच से पहले असम में तैयारी जोरों पर हैं. वहां ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (AASU) के छात्र गोलाघाट जिले की विभिन्न दीवारों पर लवलीना के सपोर्ट में स्लोगन आदि लिख रहे हैं.

किक बॉक्सिंग से शुरुआत, मोहम्मद अली की खबर ने बदली जिंदगी

13 साल की उम्र में लवलीना और उनकी जुड़वा बहनों (लीचा और लीमा) को किक बॉक्सिंग सीखने के लिए भेजा गया था. दोनों बहनें किक बॉक्सिंग में नेशनल लेवल तक पहुंच गईं. लेकिन उस बीच लवलीना गेम बदलकर बॉक्सिंग रिंग में आ चुकी थीं. लवलीना की मां ममोनी बोर्गोहेन बताती हैं कि अपनी स्कूलिंग के टाइम पर वह हर खेल गतिविधि में हिस्सा लेती थी. 

बचपन का एक किस्सा बताते हुए ममोनी बोर्गोहेन ने कहा, 'एक बार लवलीना के पिता उनके लिए मिठाई लाए. मिठाई जिस अखबार में लपेटकर लाई गई थी लवलीना उसे पढ़ने लगीं. तब पहली बार लवलीना ने मोहम्मद अली के बारे में पढ़ा और फिर बॉक्सिंग में उनकी रुचि बढ़ी.'

जब लवलीना 9वीं क्लास में थीं तब ही भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के एक कोच की नजर उनपर पड़ी थी. तब से वह बॉक्सिंग में लगातार आगे ही बढ़ती गईं. वह मोहम्मद अली के साथ-साथ माइक टायसन की भी फैन हैं.

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