दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम की टोक्यो ओलंपिक 2020 में महिला फ्लाइवेट प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में करीबी संघर्ष के बाद हारने के साथ ही दूसरे ओलंपिक पदक के लिए पदक जीतने का सपना टूट गया. वह कड़े मुकाबले में कोलंबियाई खिलाड़ी इंग्रिट वालेंसिया से हार गईं. हालांकि मैरीकॉम ने मैच के बाद कहा कि अंपायर का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण रहा.
पदक की दावेदार मैरीकॉम अपने कोलंबियाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ विभाजित निर्णय से हार गईं, लेकिन छह बार की विश्व चैंपियन अंतिम परिणाम से दंग रह गईं क्योंकि 2 जजों ने इंग्रिट के पक्ष में फैसला सुनाया, जबकि दो जज भारतीय मुक्केबाज के साथ गए.
मैरी कॉम के साथ हुआ अन्याय?
दरअसल, भारतीय मुक्केबाज के खिलाफ 3 प्रयासों में इंग्रिट की यह पहली जीत है. वास्तव में, मैरीकॉम ने रिंग में विजेता की घोषणा से ठीक पहले अपना हाथ ऊपर उठा लिया था, इससे पहले कि इंग्रिट को विजेता घोषित किया जाता.
मुकाबले में हार के बाद मैरीकॉम ने वरिष्ठ खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार से कहा कि वह 40 साल की उम्र या जब तक शरीर साथ देगा तब तक खेलती रहेंगी. हालांकि मैरीकॉम ने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि वह हार गई है. उनका कहना है कि मैच के बाद उन्हें लगा कि मुकाबला जीत गई हैं.
खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार ने ट्वीट कर कहा कि यह एआईबीए बॉक्सिंग का नियम है तो उनकी ओलंपिक यात्रा का अंत यहीं पर हो गया. क्या अब हम उनकी फाइट देख सकेंगे? वह हमेशा इसके लिए उत्सुक रहती हैं लेकिन हमें देखना होगा.
आजतक से क्या कहा मैरीकॉम ने?
आजतक को दिए इंटरव्यू में मैरी ने कहा कि ये सबसे खराब ओलंपिक है. उन्होंने पहले भी कई टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है, लेकिन इस बार जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है. बातचीत करते समय मैरी की आंखें नम थीं और वे काफी भावुक नजर आईं. उन्होंने ज्यादा तो नहीं बोला लेकिन उनकी भावनाएं स्पष्ट थीं.
मैरी कॉम ने निराशा जाहिर करते हुए अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा है कि मैं इस फैसले को बिल्कुल भी नहीं समझ पा रही हूं. पता नहीं क्या गड़बड़ है,
'दुनिया ने सच देखा होगा'
मैरीकॉम ने बताया कि उन्हें लंबे समय तक इस बात का अहसास ही नहीं हुआ कि वे हार गईं. वे लगातार खुद को बतौर विजेता देख रही थीं. वे बताती हैं कि रिंग के अंदर मैं खुश थी, मैच खत्म होने के बाद भी दुखी नहीं थी. मैं अपने दिमाग में जानती थी कि ये मैच जीत लिया गया है. लेकिन जब सोशल मीडिया और अपने कोच को देखा, तब अहसास हुआ कि मैच मैं गंवा चुकी हूं. मैरी को इस बात का दुख है कि वे इस फैसले को चुनौती नहीं दे सकती हैं लेकिन उन्हें पूरी उम्मीद है कि दुनिया ने सच्चाई देखी होगी.
'मैं संन्यास नहीं ले रही हूं'
मैरी ने कहा है कि एक फैसला या एक सेकेंड में एथलीट का सब कुछ खत्म हो सकता है. वे भी आज जजों के फैसले खफा हैं, काफी दुखी हैं. अब स्टार मुक्केबाज ने जजों के फैसले पर सवाल जरूर खड़े किए हैं, उन्होंने यहां तक कहा है कि उन्हें दूसरे राउंड में सर्वसहमति से जीतना चाहिए था, लेकिन अब इस निराशा के बाद भी वे बॉक्सिंग से ब्रेक नहीं लेने वाली हैं. उनका सन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है. मैरी ने कहा है कि वे कुछ समय अपने परिवार के साथ बिताएंगी लेकिन जब भी कोई प्रतियोगिता होगी तो वे फिर अपना हुनर दिखाने वहां जाएंगी.
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