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नीरज चोपड़ा ने 'फाइनल थ्रो' को क्यों पलटकर नहीं देखा? जानिए गोल्डन ब्वॉय का जवाब

नीरज चोपड़ा (Golden Boy Neeraj Chopra) ने बताया कि मैंने मेडल के लिए बहुत मेहनत की थी. मैं अपने को लकी मानता हूं कि मैं जीत पाया. क्योंकि दुनिया के कई दिग्गज खिलाड़ी फाइनल में थे, लेकिन वो दिन मेरा था और मैं जीत पाया. 

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नीरज चोपड़ा (फोटो- गेटी)
नीरज चोपड़ा (फोटो- गेटी)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आजतक के खास कार्यक्रम में शामिल हुए नीरज चोपड़ा
  • सेना और खेल के प्रति अपने लगाव पर की टिप्पणी

आजतक के खास कार्यक्रम 'जय हो' में देश के उस हीरो ने शिरकत की, जिसने भारत को पहली बार ओलंपिक एथलेटिक्स (Tokyo Olympic) में गोल्ड मेडल (Gold Medal) दिलाया. ये खिलाड़ी गोल्डन ब्वॉय (Golden Boy Neeraj Chopra) के नाम से मशहूर हो चुका है और इनका नाम है नीरज चोपड़ा. नीरज ने जैवलिन थ्रो (Javelin Throw) में गोल्ड मेडल जीता है. 'आजतक' के मंच पर 'गोल्डन ब्वॉय' नीरज ने कहा कि दुनिया के कई दिग्गज खिलाड़ी फाइनल में थे, लेकिन वो मेरा दिन था और मैं जीत गया.  

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नीरज चोपड़ा से सवाल किया गया कि ओलंपिक में Javelin Throw के फाइनल में जब आपने आखिरी बार भाला फेंका तो पलटकर पीछे नहीं देखा, ऐसा क्यों? इसपर नीरज ने कहा कि 'हर एथलीट को मालूम पड़ जाता है कि उसको थ्रो कितना दूर गया है. 10-11 साल की ट्रेनिंग में इतना अनुभव हो जाता है.'

नीरज चोपड़ा ने बताया कि मैंने मेडल के लिए बहुत मेहनत की थी. मैं अपने को लकी मानता हूं कि मैं जीत पाया. क्योंकि दुनिया के कई दिग्गज खिलाड़ी फाइनल में थे, लेकिन वो दिन मेरा था और मैं जीत पाया. 

जब नीरज से पूछा गया कि उन्होंने अपने लंबे बाल क्यों कटवा लिए? तो 'गोल्डन ब्वॉय' ने कहा कि पसीने में बाल आगे आने लगे थे, आंखों में लग रहे थे, काफी तंग करते थे, इसलिए कटवा लिए. 

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सेना के प्रति अपने लगाव के बारे में ओलंपिक में गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा कहते हैं मुझे शुरू से ही सेना पसंद रही है. मेरे पास नौकरी के कई ऑफर थे, लेकिन आर्मी पसंद थी और इसीलिए मैंने इसे ज्वाइन किया. जवानों के साथ मिलकर बहुत अच्छा लगता है. 

उन्होंने आगे कहा कि ये मेहनत 4-5 साल की नहीं है, ये मेहनत 2011 से चल रही है और अब इसका नतीजा मिला है. अब देश में खेल को लेकर लोगों के सोच में बदलाव आ रहा है.

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