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सिर्फ ओलंपिक नहीं, नीरज चोपड़ा ने पहले भी कई मौकों पर भारत को दिलाया 'सोना'

नीरज चोपड़ा ने अपने करियर का सबसे बड़ा मुकाम तो हासिल कर लिया है. लेकिन इस मुकाम पर पहुंचने से पहले भी उन्होंने कई सफलता के झंडे गाड़े हैं. कई टूर्नामेंट ऐसे रहे हैं जहां पर नीरज पहले भी स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुके हैं.

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नीरज चोपड़ा (Reuters)
नीरज चोपड़ा (Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नीरज के शानदार करियर पर एक नजर
  • कई मौकों पर भारत को दिलाया है 'सोना'

भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में 7 अगस्त का दिन हमेशा याद रखा जाएगा, क्योंकि इस दिन स्टार खिलाड़ी नीरज चोपड़ा (neeraj chopra) ने गोल्ड पर अपना कब्जा जमाया. जेवलिन में शानदार प्रदर्शन करते हुए नीरज ने ये सोना जीता, जिसे पीढ़ियां याद रखेंगी.

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वैसे नीरज ने अपने करियर का सबसे बड़ा मुकाम तो हासिल कर लिया है. लेकिन इस मुकाम पर पहुंचने से पहले भी उन्होंने कई सफलता के झंडे गाड़े हैं. कई टूर्नामेंट ऐसे रहे हैं जहां पर नीरज पहले भी स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुके हैं. लिस्ट लंबी है लेकिन ये नीरज की जीत को और मीठा बनाने वाली है.

एक नजर नीरज चोपड़ा के तमाम मेडल पर- 

टोक्यो ओलंपिक 2021- गोल्ड मेडल

एशियन गेम्स 2018- गोल्ड मेडल

कॉमनवेल्थ गेम्स 2018- गोल्ड मेडल

एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2017- गोल्ड मेडल

वर्ल्ड U-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2016- गोल्ड मेडल

साउथ एशियन गेम्स 2016- गोल्ड मेडल

एशियन जूनियर चैंपियनशिप 2016- सिल्वर मेडल

नीरज का नेशनल और वर्ल्ड रिकॉर्ड

अब ये तो हुए नीरज को मिले तमाम मेडल. लेकिन इसके अलावा भी उन्होंने कई दूसरे मुकाम हासिल किए हैं. इसमें भी दो मुकाम ऐसे हैं जो आपके चेहरे पर जरूर मुस्कान ले आएंगे. जेवलिन थ्रो में नीरज के नाम एक नेशनल रिकॉर्ड है जो अभी तक कोई नहीं तोड़ सका है. उन्होंने इसी साल 88.07m भाला फेंका था.

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इसके अलावा जूनियर कैटेगरी में भी उनके नाम एक रिकॉर्ड दर्ज है. साल 2016 में नीरज चोपड़ा ने 86.48m दूर भाला फेंका था. ये वो समय था जब उन्होंने अपना करियर शुरू ही किया था. लेकिन उनका टैलेंट जगजाहिर हो चुका था और उनसे मेडल की उम्मीद सभी को लगने लगी थी.

नीरज का टोक्यो सफर

नीरज चोपड़ा ने पिछले साल साउथ अफ्रीका में आयोजित हुए सेंट्रल नॉर्थ ईस्ट मीटिंग एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के जरिए ओलंपिक का टिकट हासिल किया था. उन्होंने 87.86 मीटर जैवलिन थ्रो कर 85 मीटर के अनिवार्य क्वालिफिकेशन मार्क को पार कर यह उपलब्धि हासिल की. उन्होंने अपना बेहतरीन प्रदर्शन हर राउंड में जारी रखा और नतीजा ये रहा कि वे अब गोल्ड मेडल जीत गए हैं.

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