ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम इतिहास रचने से चूक गई है. अर्जेंटीना के साथ आज खेले गए सेमीफाइनल मैच में भारत महिला हॉकी टीम हार गई है. अर्जेंटीना ने 2 गोल दागे, जबकि भारत सिर्फ एक गोल कर पाया है. हालांकि हमारी बेटियों ने शानदार प्रदर्शन किया. अब ब्रॉन्ज के लिए महिला टीम की टक्कर होगी. खैर आज देश को उन सभी 16 बेटियों पर नाज है, जिन्होंने इतिहास में पहली बार महिला हॉकी टीम को अंतिम-4 में पहुंचाया है. आइए इन्हीं बेटियों में से एक उदिता दुहन के बारे में जानते हैं.
भारत की महिला हॉकी टीम भी सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई है. उसे अर्जेंटीना के हाथों 1-2 से हार मिली है. टीम इंडिया अब कांस्य पदक के लिए खेलेगी. महिला टीम से पहले पुरुष टीम भी सेमीफाइनल का मैच हारी थी. उसे बेल्जियम से शिकस्त मिली थी.
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2' Gurjit Kaur you BEAUTTYYYYY! 😍
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She converts India's first Penalty Corner into a goal inside the first two minutes. 💪
🇦🇷 0:1 🇮🇳#ARGvIND #HaiTayyar #IndiaKaGame #Tokyo2020 #TeamIndia #TokyoTogether #StrongerTogether #HockeyInvites #WeAreTeamIndia #Hockey pic.twitter.com/n3Hbxm2O2q
पूर्व हॉकी कप्तान प्रीतम रानी ने महिला हॉकी टीम के मैच से पहले आजतक से की बातचीत,कहा- खिलाड़ियों को कोई प्रेशर नहीं लेना चाहिए | #Hockey #TokyoOlympics #ATVideo | @VikrantGupta73 pic.twitter.com/vvCCQQKHpx
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भारत की बेटियों के सामने आज इतिहास रचकर पहली बार ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने का चांस है. पूरे देश की नज़रें आज टोक्यो में टीम इंडिया पर टिकी हैं और सवा अरब लोगों की दुआएं देश की बेटियों के साथ हैं.
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उदिता दुहन को 2016 में अंडर-18 एशियाई कप में कांस्य पदक जीतने वाली जूनियर टीम का कप्तान बनाया गया था. एक साल बाद उन्हें सीनियर टीम में पदोन्नत किया गया और तब से वह महिला हॉकी टीम सीनियर की मजबूत पिलर हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उदिता दुहन के पिता पुलिस में थे, 2015 में उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद उनकी मां गीता देवी ने कठिन परिस्थितियों में उदिता का पाला. उदिता के पिता हैंडबॉल खेलते थे तो वह भी हैंडबॉल खेलने लगीं. एक दिन उदिता के हैंडबॉल कोच नहीं आए तो उन्होंने हॉकी में हाथ आजमाया और तब से हॉकी खेल रही हैं.
हरियाणा के हिसार में जन्मीं 23 वर्षीया उदिता दुहन 2017 में न्यूजीलैंड दौरे के दौरान सीनियर टीम में शामिल हुई थीं. डिफेंडर उदिता दुहन ने भारतीय टीम के लिए 32 मैच खेले हैं. उदिया दुहान ने शुरुआत में अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए हैंडबॉल खेला, लेकिन 6 साल पहले वह हॉकी खेलने लगीं.