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कोविड-19 महामारी के भय के बीच 32वें ओलंपिक खेलों की एक साल की लंबी प्रतीक्षा के बाद शुक्रवार को रंगारंग उद्घाटन समारोह के साथ टोक्यो में शुरुआत हो गई. इसके साथ ही उन तमाम आशंकाओं पर भी विराम लग गया जो इस खेल महाकुंभ के आयोजन को लेकर लगाई जा रही थी.
दर्शकों के बिना आयोजित किए जा रहे ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भी भावनाओं का ज्वार उमड़ता दिखा और ऐसे में ‘भावनाओं से एकजुट’ की इसकी विषय वस्तु भी कार्यक्रम के अनुकूल रही. टोक्यो में जब रात घिर आई थी, तब यहां का ओलंपिक स्टेडियम दमक रहा था, जिससे उठी नई उम्मीद की धमक पूरे विश्व में सुनाई दे रही थी.
टोक्यो दूसरी बार ओलंपिक की मेजबानी कर रहा है. इससे पहले उसने 1964 में ओलंपिक का सफल आयोजन किया था, लेकिन उद्घाटन समारोह में शुरू में उस दिन को याद किया गया जब 2013 में उसने मेजबानी हासिल की थी.
इसके बाद टोक्यो 2020 के प्रतीक को प्रदर्शित करने के लिए 20 सेकेंड तक नीली और सफेद रंग की आतिशबाजी की गई, जिसे जापानी संस्कृति में शुभ माना जाता है. जापान के सम्राट नारूहितो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के प्रमुख थॉमस बाक के साथ स्टेडियम में पहुंचे.
उद्घाटन समारोह में दर्शकों को आने की अनुमति नहीं देने का फैसला कई सप्ताह पहले किया गया था. इसको देखने के लिए स्टेडियम में 1000 हस्तियां ही उपस्थित थीं, जिसमें अमेरिका की पहली महिला जिल बाइडेन भी शामिल हैं.
समारोह का आकर्षण निश्चित तौर पर वे खिलाड़ी थे, जो पिछले एक साल से महामारी और आशंकाओं के बीच अपनी तैयारियां कर रहे थे.