टोक्यो खेलों में महिला एकल क्लास 4 वर्ग के फाइनल में भारत की भाविना पटेल को हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बावजूद भाविना पैरालंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं. उन्होंने रजत पदक पर कब्जा किया.
रविवार को 34 साल की भाविना को फाइनल में चीन की वर्ल्ड नंबर-1 झाउ यिंग ने 11-7, 11-5, 11-6 से मात दी. भाविना ने शनिवार को सेमीफाइनल में चीन की ही झांग मियाओ को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से मात देकर फाइनल में जगह बनाई थी.
#Paralympics debut ✅#IND's first #ParaTableTennis medal ✅
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) August 29, 2021
Bhavina Patel's maiden appearance ends with a #Silver medal! #Tokyo2020pic.twitter.com/tINiLxkRL0
मौजूदा पैरालंपिक खेलों में यह भारत का पहला पदक है. भाविना ने पहले गेम में झाउ यिंग को अच्छी टक्कर दी, लेकिन चीन की दो बार की पूर्व स्वर्ण पदक खिलाड़ी ने एक बार लय हासिल करने के बाद भारतीय खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया और सीधे गेम में आसान जीत दर्ज की.
बीजिंग और लंदन में स्वर्ण पदक सहित पैरालंपिक में पांच पदक जीतने वाली झाउ के खिलाफ भाविना जूझती नजर आईं और अपनी रणनीति को सही तरह से लागू नहीं कर पाईं.
A #Silver medal #IND will remember ❤️
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) August 29, 2021
Bhavina Patel's incredible #Paralympics campaign ends with a podium finish as she loses out to #CHN's Zhou Ying 11-7, 11-5, 11-6 in her Class 4 #ParaTableTennis final! 🏆
Thank you for the moments 😃 pic.twitter.com/j8GcnHDtDL
भारतीय खिलाड़ी को फाइनल में सिर्फ 19 मिनट में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वह मौजूदा पैरालंपिक खेलों में भारत को पहला पदक दिलाने में सफल रहीं. भाविना को इस हफ्ते की शुरुआत में अपने पहले ग्रुप मैच में भी झाउ के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा था.
शुक्रवार को पैरालंपिक सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारत की वह पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई थीं. उन्होंने क्वार्टर फाइनल में सर्बिया की बोरिस्लावा रांकोविच को 11-5, 11-6, 11-7 से हराकर टेबल टेनिस में भारत के लिए पदक पक्का कर लिया था.
पैरा टेबल टेनिस की क्लास 1 से 5 व्हीलचेयर खिलाड़ियों के लिए होती है. क्लास 4 के खिलाड़ियों का बैठने का संतुलन ठीक-ठाक होता है और उनकी बांह और हाथ पूरी तरह काम करते हैं.
गुजरात के मेहसाणा की भाविना पटेल ने 13 साल पहले अहमदाबाद के वस्त्रपुर इलाके में नेत्रहीन संघ में खेलना शुरू किया, जहां वह दिव्यांगों के लिए आईटीआई की छात्रा थी. बाद में उन्होंने दृष्टिदोष वाले बच्चों को टेबल टेनिस खेलते देखा और इसी खेल को अपनाने का फैसला किया. उन्होंने अहमदाबाद में रोटरी क्लब के लिए पहला पदक जीता. उनका विवाह निकुंज पटेल से हुआ, जो गुजरात के लिए जूनियर क्रिकेट खेल चुके हैं.
भाविना पटेल 2011 में दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी भी बनीं, जब उन्होंने पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में भारत के लिए रजत पदक जीता था. अक्ट्रबर 2013 में उन्होंने बीजिंग में एशियाई पैरा टेनिस चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था.
The remarkable Bhavina Patel has scripted history! She brings home a historic Silver medal. Congratulations to her for it. Her life journey is motivating and will also draw more youngsters towards sports. #Paralympics
— Narendra Modi (@narendramodi) August 29, 2021
भाविना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया, 'विलक्षण भाविना पटेल ने इतिहास रच दिया! वह ऐतिहासिक रजत पदक के साथ घर आएंगी. उसके लिए बधाई. उनकी जीवन यात्रा प्रेरित करने वाली है और अधिक युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करेगी.' इसके बाद प्रधानमंत्री ने फोन पर भाविना से बात की और उन्हें बधाई दी.
एक छोटी परचून की दुकान चलाने वाले हंसमुखभाई पटेल की बेटी भाविना को पदक का दावेदार भी नहीं माना जा रहा था, लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से इतिहास रच दिया. मात्र 12 महीने की उम्र में पोलियो से संक्रमित होने वाली भाविना ने फाइनल मुकाबले में स्थान बनाने के बाद कहा था, ‘जब मैं यहां आई, तो मैने सिर्फ अपना शत प्रतिशत देने के बारे में सोचा था. अगर ऐसा कर सकी तो पदक अपने आप मिलेगा. मैंने यही सोचा था.’