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Paralympics: भाविना पटेल पैरालंपिक टेबल टेनिस के फाइनल में, गोल्ड से एक कदम दूर

भाविना पटेल पैरालंपिक फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं. उन्होंने शनिवार को टोक्यो खेलों में महिला एकल क्लास 4 वर्ग के सेमीफाइनल में चीन की झांग मियाओ को मात दी.

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Bhavina Patel (Twitter)
Bhavina Patel (Twitter)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सेमीफाइनल में चीन की झांग मियाओ को मात दी
  • अब वह गोल्ड मेडल से महज एक जीत दूर हैं

भाविना पटेल पैरालंपिक फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं. उन्होंने शनिवार को टोक्यो खेलों में महिला एकल क्लास 4 वर्ग के सेमीफाइनल में चीन की झांग मियाओ को 7-11, 11-7, 11-4,  9-11, 11-8  से मात दी. अब वह गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचने से महज एक कदम दूर हैं.

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इन खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध भारतीय दल के लिए अच्छी शुरुआत हुई है. जीत के बाद 34 साल की भाविना ने कहा, 'मैंने सेमीफाइनल में चीनी खिलाड़ी को हराया है. अगर आप चाह लें तो कुछ भी असंभव नहीं होता.' 

गुजरात के मेहसाणा की भाविना पटेल अब खिताबी मुकाबले में 29 अगस्त को उतरेंगी, जहां उनका सामना चीन की झाउ यिंग से होगा. यह मैच भारतीय समयानुसार सुबह 7:15 बजे शुरू होगा.

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शुक्रवार को पैरालंपिक सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारत की वह पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई थीं. उन्होंने क्वार्टर फाइनल में सर्बिया की बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच को 11-5, 11-6, 11-7 से हराकर टेबल टेनिस में भारत के लिए पदक पक्का कर लिया था.

एक छोटी परचून की दुकान चलाने वाले हंसमुखभाई पटेल की बेटी भाविना को पदक का दावेदार भी नहीं माना जा रहा था, लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से इतिहास रच दिया. 12 साल की उम्र में पोलियो की शिकार हुई भाविना ने कहा, ‘जब मैं यहां आई, तो मैने सिर्फ अपना शत प्रतिशत देने के बारे में सोचा था. अगर ऐसा कर सकी तो पदक अपने आप मिलेगा. मैंने यही सोचा था.’

शुक्रवार को ही भाविना ने अंतिम 16 मुकाबले में ब्राजील की जॉयस डि ओलिवियरा को 12-10, 13-11, 11- 6 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था. वह पैरालंपिक क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बनी थीं. 

पैरा टेबल टेनिस के फाइनल में पहुंचने वाली भाविना पटेल को पीएम मोदी ने बधाई दी, उन्होंने लिखा-  पूरा देश कल आपकी सफलता की कामना करेगा.
 

ऐसा रहा सेमीफाइनल मुकाबला

व्हीलचेयर पर खेलने वाली भाविना ने पहला गेम गंवा दिया, लेकिन बाद में दोनों गेम जीतकर शानदार वापसी की. तीसरा गेम जीतने में उन्हें चार मिनट ही लगे. चौथे गेम में चीनी खिलाड़ी ने फिर वापसी की, लेकिन निर्णायक पांचवें गेम में पटेल ने रोमांचक जीत दर्ज करके फाइनल में प्रवेश किया.

दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी झांग के खिलाफ भाविना की यह पहली जीत थी. दोनों इससे पहले 11 बार एक-दूसरे से खेल चुकी हैं.

फाइनल में होगी जोरदार टक्कर

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भाविना को पहले ग्रुप मैच में झोउ ने आसानी से हराया था. उनके खिलाफ फाइनल जीतना आसान नहीं होगा. पटेल ने क्वार्टर फाइनल में 2016 रियो पैरालम्पिक की स्वर्ण पदक विजेता बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच को हराया था.

क्लास 4 वर्ग के खिलाड़ियों का बैठने का संतुलन सही रहता है और हाथ पूरी तरह से काम करते हैं. उनके शरीर में विकार मेरूदंड में चोट के कारण होता है.

ऐसे शुरू हुआ भाविना का सफर 

भाविना पटेल ने 13 साल पहले अहमदाबाद के वस्त्रापुर इलाके में नेत्रहीन संघ में खेलना शुरू किया, जहां वह दिव्यांगों के लिए आईटीआई की छात्रा थी. बाद में उन्होंने दृष्टिदोष वाले बच्चों को टेबल टेनिस खेलते देखा और इसी खेल को अपनाने का फैसला किया. उन्होंने अहमदाबाद में रोटरी क्लब के लिए पहला पदक जीता. उनका विवाह निकुंज पटेल से हुआ, जो गुजरात के लिए जूनियर क्रिकेट खेल चुके हैं.

भाविना पटेल 2011 में दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी भी बनीं, जब उन्होंने पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में भारत के लिए रजत पदक जीता था. अक्ट्रबर 2013 में उन्होंने बीजिंग में एशियाई पैरा टेनिस चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था.

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