टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वालीं लवलीना ने सभी का दिल जीता. उनका बॉक्सिंग सफर अपने आप में एक प्रेरणा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लवलीना को कहा से प्रेरणा मिली थी, उन्होंने कब पहली बार बॉक्सिंग करने का सोचा था..? आजतक के कार्यक्रम 'जय हो' में लवलीना ने अपने उस सफर के बारे में विस्तार से बताया.
लवलीना की प्रेरणा कौन?
लवलीना ने कहा कि बॉक्सिंग उन्होंने जरूर 2012 में शुरू की थी, लेकिन इसे बतौर करियर चुनने वाला फैसला काफी पहले ले लिया था. उन्होंने महान बॉक्सर मोहम्मद अली को अपनी प्रेरणा माना है और उन्हीं की वजह से उन्होंने बॉक्सिंग में आने का मन बनाया. इसको लेकर दिलचस्प किस्सा भी है जो लवलीना ने पूरे देश के साथ साझा किया है.
मिठाई वाला किस्सा क्या है?
वे बताती हैं कि मेरे पिता बचपन में मिठाई लेकर आए थे. वह जिस अखबार में मिठाई को लपेट कर लाए थे, मेरी नजर उस पर पड़ी. उस अखबार में मोहम्मद अली की फोटो थी और कोई खबर भी लिखी थी. तब मेरे पिता ने बताया कि ये महान बॉक्सर मोहम्मद अली हैं. अब उन्हें देख और जान मेरा मन तो बॉक्सिंग करने में लग गया था. लेकिन चार-पांच साल तक मैं सिर्फ मार्शल आर्ट्स करती रही. उसके बाद मैंने बॉक्सिंग में आने का फैसला ले लिया और मेरा सफर शुरू हो गया.
अब यही है लवलीना और उनका मिठाई वाला कनेक्शन जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं. अगर शायद लवलीना को वो मिठाई नहीं मिलती तो वे कभी मोहम्मद अली के बारे में नहीं जान पातीं. और अगर उनके बारे में नहीं जानतीं तो शायद बॉक्सिंग में करियर नहीं बना पातीं. लेकिन क्योंकि ये सब हुआ, इसलिए भारत को मैरीकॉम के बाद एक स्टार बॉक्सर मिला और फिर ओलंपिक में मेडल भी अपने नाम हुआ.
कैसे तैयार होता है ओलंपिक के लिए बॉक्सर?
क्या लवलीना के बाद भारत को और भी स्टार बॉक्सर मिलेंगे? इस सवाल पर लवलीना ने काफी सकारात्मकर और वास्तविक जवाब दिया है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि बॉक्सिंग सीखने में 4-5 साल लग जाते हैं. उन्हें 8 साल लगे थे क्योंकि वे अच्छे से नहीं सीख पाई थीं. अगर ट्रेनिंग के साथ चलेंगे तो 4 साल में एक बॉक्सर ओलंपिक के लिए तैयार हो जाएगा.