स्टार शटलर पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में अपने कमाल के प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया... पर एक ऐसा भी मौका आया, जब वह टूट गई थीं. सेमीफाइनल मुकाबले में उन्हें हार मिली थी, वह अकेले में रोईं. आजतक के कार्यक्रम 'जय हो' में सिंधु ने बताया कि उनके कोच ने उस समय उन्हें खासा मोटिवेट किया. उन्हीं की वजह से उन्होंने फिर ताकत जुटाई और देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता.
सिंधु को मिला था ये सीक्रेट मंत्र
सिंधु ने कहा कि सेमीफाइनल में हार मिलने के बाद वे काफी दुखी थीं. वह अकेले में रोई भी थीं. लेकिन उस समय उनके कोच ने उन्हें एक ऐसा मंत्र दे दिया कि उन्होंने फिर हिम्मत जुटाई और अपने अगले मैच पर ध्यान देना शुरू कर दिया. वो मंत्र था- चौथे आने में और ब्रॉन्ज लाने में फर्क है. सिर्फ इतना कहना ही सिंधु को वो जरूरी संदेश दे गया, जिस वजह से उन्होंने चीन की बिंग जियाओ को हराते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया. ऐसा कर सिंधु के नाम ओलंपिक में दो मेडल हो गए.
कोच ने निभाई बड़ी भूमिका
सिंधु मानती हैं कि उनके कोच ने उनकी इस सफलता में एक बड़ी भूमिका निभाई. उनकी नजरों में जरूरी मौकों पर कोच द्वारा ऐसी सलाह दी गई थी, जिस वजह से उन्होंने हर बार समय रहते वापसी की. सिंधु ने ये भी बताया कि उन्हें सरकार की तरफ से पूरा समर्थन मिला. उन्हें स्पोर्ट्स अथॉरिटी और तमाम दूसरे संगठनों ने पूरा सहयोग दिया था. सिंधु के मुताबिक जब ऐसा होता है तब कोई भी खिलाड़ी ज्यादा उत्साहित महसूस करता है. उसे इस बात की खुशी रहती है कि कई लोग उनकी फ्रिक करते हैं, उनके लिए अच्छा सोचते हैं.
सिंधु का अगला मिशन- पेरिस ओलंपिक
जानकारी के लिए बता दें कि पीवी सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल जीतने के लिए टोक्यो ओलंपिक में चीन की बिंग जियाओ को हराया था. उन्होंने पहला गेम 21-13 और दूसरा 21-15 जीतकर इतिहास रच दिया था. इससे पहले रियो ओलंपिक में भी उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. अब सिंधु का सारा फोकस पेरिस ओलंपिक पर है. उनका प्रयास है कि वे फिर भारत के लिए वहां मेडल जीतकर लाएं.