scorecardresearch
 

Olympics: इस इरादे के साथ फाइनल में उतरे थे नीरज चोपड़ा, ऐतिहासिक थ्रो के बाद भी नहीं थे संतुष्ट

टोक्यो ओलंपिक में भारत ने अपने अभियान का अंत शानदार अंदाज में किया है. उसने अपनी झोली में गोल्ड डालकर ओलंपिक के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. इस बेहतरीन अंत का श्रेय स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को जाता है.

Advertisement
X
Neeraj Chopra (Getty )
Neeraj Chopra (Getty )
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नीरज ने दूसरे प्रयास में फेंका था 87.58 मीटर का थ्रो
  • ओलंपिक रिकॉर्ड बनाने की कोशिश कर रहे थे नीरज

टोक्यो ओलंपिक में भारत ने अपने अभियान का अंत शानदार अंदाज में किया है. उसने अपनी झोली में गोल्ड डालकर ओलंपिक के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. इस बेहतरीन अंत का श्रेय स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को जाता है. उन्होंने शनिवार को फाइनल मुकाबले में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा किया. 

Advertisement

नीरज ने 87.58 मीटर का थ्रो करके गोल्ड मेडल अपने नाम किया. एथलेटिक्स में पिछले 100 वर्षों से अधिक समय में भारत का यह पहला ओलंपिक मेडल है. भारत ने पहली बार एंटवर्प ओलंपिक 1920 में एथलेटिक्स में भाग लिया था, लेकिन तब से लेकर रियो 2016 तक उसका कोई एथलीट पदक नहीं जीत पाया था. दिग्गज मिल्खा सिंह और पीटी उषा क्रमश: 1960 और 1984 में मामूली अंतर से चूक गए थे.

ओलंपिक रिकॉर्ड की कोशिश कर रहे थे नीरज

नीरज की बात करें तो वह 87.58 मीटर का थ्रो करके भी संतुष्ट नहीं थे. वह ओलंपिक रिकॉर्ड की कोशिश कर रहे थे. बता दें कि ओलंपिक में सबसे दूर भाला फेंकने का रिकॉर्ड 90.57 मीटर है. नॉर्वे के Andreas Thorkildsen ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में ये कारनामा किया था. 

नीरज चोपड़ा ने कहा कि अपने पहले दो थ्रो अच्छा फेंकने के बाद वह ओलंपिक रिकॉर्ड की कोशिश कर रहे थे. चोपड़ा ने यह भी खुलासा किया कि वह अपने अंतिम थ्रो से पहले कुछ नहीं सोच रहे थे क्योंकि उन्हें महसूस हो गया था कि वह यहां खेलों में अभूतपूर्व शीर्ष स्थान हासिल कर चुके थे.

Advertisement

वह सभी 12 प्रतिस्पर्धियों में पहले तीन प्रयासों में सर्वश्रेष्ठ थे जिससे वह अगले तीन प्रयासों में थ्रो करने के लिए सबसे आखिर में आए. जैसे ही रजत पदक विजेता चेक गणराज्य के जाकुब वाडलेच ने अपना अंतिम थ्रो पूरा किया, चोपड़ा जान गए थे कि उन्होंने स्वर्ण पदक जीत लिया है.

Photo-Getty Images

उन्होंने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैं थ्रो करने वाला अंतिम खिलाड़ी था और हर कोई थ्रो कर चुका था, मैं जान गया था कि मैं स्वर्ण जीत गया हूं, तो मेरे दिमाग में कुछ बदल गया, मैं इसे बयां नहीं कर सकता. मैं नहीं जानता कि क्या करूं और यह इस तरह का था कि मैंने क्या कर दिया है.’

चोपड़ा ने कहा, ‘मैं भाले के साथ ‘रन-अप’ पर था, लेकिन मैं सोच नहीं पा रहा था. मैंने संयम बनाया और अपने अंतिम थ्रो पर ध्यान लगाने का प्रयास किया जो शानदार नहीं था, लेकिन फिर भी ठीक (84.24 मीटर का) था.’

वहीं, आजतक के साथ खास बातचीत में नीरज चोपड़ा ने कहा कि मुझे लगता है कि मेरे खेल जीवन का यह सबसे बड़ा दिन है. अपने और देश के लिए एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता है तो यह बहुत बड़ी बात है मेरे लिए.

दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर निकालने के बाद क्या सोच रहे थे कि गोल्ड पक्का हो गया या कुछ और चल रहा था? इस पर नीरज चोपड़ा ने कहा, 'नहीं, ऐसा नहीं हैं. बाकी जो थ्रोअर थे वो भी काफी अच्छा कर रहे थे. दूसरे और तीसरे नंबर पर जो थ्रोअर रहे हैं वो भी 88-89 मीटर तक फेंक चुके हैं. मुझे लगता था कि वो कभी भी ऐसा थ्रो निकाल सकते हैं. हालांकि मेरे दिमाग में यह था कि मुझे अपने खेल पर फोकस करना है और अच्छा थ्रो करना है.'

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement