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Olympics: टोक्यो से खाली हाथ दिल्ली लौटीं मनु भाकर, जसपाल राणा पर फोड़ा हार का ठीकरा

राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता मनु ने कहा कि नकारात्मकता और जसपाल राणा के साथ उनके विवाद के अलावा हर कीमत पर पदक जीतने की उनकी चाहत से स्थिति और खराब हो गई.

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Manu Bhaker (Photo-Getty Images)
Manu Bhaker (Photo-Getty Images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टोक्यो से दिल्ली लौटीं निशानेबाज मनु भाकर
  • मनु ने जसपाल राणा के साथ विवाद पर दिया बयान

टोक्यो ओलंपिक में नाकाम रहीं भारतीय पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर टोक्यो से लौट आई हैं. उन्होंने वादा किया कि वह अपने पहले ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन से मजबूत वापसी करेंगी. 19 साल की निशानेबाज मनु ने कहा कि पूर्व कोच जसपाल राणा के साथ विवाद के कारण ओलंपिक के लिए उनकी तैयारियां प्रभावित हुई थीं. राणा ने उन्हें 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा से अपना नाम वापस लेने को कहा था. 

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इस निशानेबाज ने इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर पीटीआई से कहा, ‘मैं 25 मीटर स्पर्धा में निशानेबाजी जारी रखूंगी.’ युवा ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता मनु ने कहा कि नकारात्मकता और राणा के साथ उनके विवाद के अलावा हर कीमत पर पदक जीतने की उनकी चाहत से स्थिति और खराब हो गई.

मनु ने कहा कि उनसे बार-बार यह कहा गया था कि 25 मीटर स्पर्धा से अपना नाम वापस ले. क्योंकि इसमें उनका ‘स्तर उतना अच्छा नहीं है.’ मनु ने म्यूनिख में आईएसएसएफ विश्व कप के दौरान टोक्यो ओलंपिक का यह कोटा हासिल किया था.

उन्होंने कहा, ‘हां, नकारात्मकता थी... क्योंकि मेरे माता-पिता को भी इस पूरे मामले में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था. नकारात्मकता के कारण ही मुझ से पूछा गया कि भोपाल में (अभ्यास और ट्रायल्स के दौरान) मेरी मां मेरे साथ क्यों हैं और मेरे पिता क्यों साथ हैं?’

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'पूर्व कोच ने नहीं की मदद'

इसके अलावा कुछ तकनीकी समस्याएं भी थीं, जिनका पूर्व कोच ने ‘समाधान नहीं किया’. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने इस साल मार्च में दिल्ली में आईएसएसएफ विश्व कप के दौरान राणा को कोई संदेश नहीं भेजा था. उन्होंने बताया कि यह संदेश उनकी मां ने भेजा था जो अपनी बेटी को लेकर ‘चिंतित’ थीं.

मनु के कांस्य पदक जीतने के बाद राणा को संदेश मिला, ‘अब तो मिल गई न तसल्ली’ राणा इसके बाद अपनी सफेद टी-शर्ट के पीछे इस संदेश को लिख कर करणी सिंह निशानेबाजी परिसर में पहुंच गए, जिसके बाद भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

मनु ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए एनआरएआई और उसके अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने खेलों के नजदीक आने के साथ भारत के पूर्व निशानेबाज रौनक पंडित को उनका कोच नियुक्त किया और जो भी समाधान संभव था उसका प्रयास किया.

उन्होंने कहा, ‘एनआरएआई ने इस समस्या के समाधान की पूरी कोशिश की और उन्होंने हमें विश्वास में भी लिया.’ मनु ने कहा कि ओलंपिक के पहले अनुभव से उन्होंने काफी कुछ सीखा है जो आगे काम आएगा.

उन्होंने कहा, ‘मुझे निश्चित रूप से बहुत अनुभव प्राप्त हुआ है. उम्मीद है कि इससे मुझे भविष्य में तैयारी और प्रदर्शन में सुधार करने में मदद मिलेगी. मैं युवा हूं और आगे मेरा करियर लंबा है. मैंने इस बार भी पूरी कोशिश की थी.’

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उन्होंने कहा कि इस अनुभव से वह भविष्य में मुश्किल परिस्थितियों का बेहतर तरीके से सामना कर पाएंगी.

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