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कुश्ती में भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक की आखिरी उम्मीद बजरंग पुनिया 65 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में हार गए. अब वह शनिवार को कास्य पदक मुकाबले में उतरेंगे. सेमीफाइनल में बजरंग को अजरबैजान के हाजी एलियेव ने मात दी. एलियेव तीन बार के विश्व चैम्पियन और रियो खेलों के कांस्य विजेता हैं. हाजी ने बजरंग पर 12-5 से जीत हासिल की.
एलियेव ने लगातार बजरंग के पैरों पर हमला किया और दो बार खुद को उस स्थिति में पहुंचा दिया, जहां से वह आसानी से दो अंक हासिल करने में सफल रहे. पहले पीरियड के बाद 1-4 से पीछे चल रहे बजरंग ने दूसरे पीरियड मे वापसी के लिए आक्रामक रुख अपनाया, लेकिन एलियेव ने बड़ी चतुराई ने उनकी चाल को नाकाम करते हुए 8-1 की बढ़त हासिल कर ली.
आखिरी क्षणों में बजरंग ने वापसी की, लेकिन उन्हें मैच जीतने के लिए ज्यादा अंकों वाली पकड़ की जरूरत थी. मुकाबले के आखिरी 30 सेकेंड में उन्होंने अपना हमला तेज किया, लेकिन एलियेव ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया. हार सुनिश्चित होने के बाद बजरंग मैट पर गिर गए.
वह अब कांस्य पदक के लिए चुनौती पेश करेंगे. वह अगर इसमें जीत दर्ज करने में सफल रहते हैं तो ओलंपिक में यह भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी होगी. सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने 2012 के लंदन खेलों में एक रजत और एक कांस्य पदक जीता था. रवि दहिया ने गुरुवार को 57 किग्रा में रजत पदक जीता था.
क्वार्टर फाइनल में मुर्तजा को किया चित
ईरान के पहलवान मुर्तजा चेका गियासी ने पहले पीरियड में एक अंक जुटाकर बजरंग पर बढ़त बना ली थी. इस पीरियड में ज्यादातर समय बजरंग अपने प्रतिद्वंद्वी के रक्षात्मक खेल को मात नहीं दे सके. इस दौरान ईरानी पहलवान ने बजरंग के दाएं पैर पर मजबूत पकड़ बना ली थी.
दूसरे पीरियड के आखिरी क्षणों में भी ईरान पहलवान बजरंग के दाएं पैर पर फिर मजबूत पकड़ बनाने में सफल रहे. लेकिन भारतीय पहलवान इससे बाहर निकलने में सफल रहा. बजरंग ने इसके बाद गियासी को चित कर जीत दर्ज की.
बजरंग ने ऐसे जीता पहला मुकाबला
बजरंग पुनिया किर्गिस्तान के अर्नाजार अकमातालिएव को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे. पहले पीरियड के आखिरी क्षणों में बजरंग ने अकमालालिएव को मैट पर पटक कर 3-1 की बढ़त बना ली, लेकिन किर्गिस्तान के पहलवान ने दूसरे पीरियड में पुशआउट के जरिए दो बार एक-एक अंक जुटा कर स्कोर बराबर कर दिया. बजरंग ने दो अंक वाला एक स्कोर बनाया था, इसलिए उन्हें विजेता घोषित किया गया.
बजरंग के लिए यह मुकाबला आसान नहीं था और यहां पहले मुकाबले में वह जिस तरह की जीत के लिए जाने जाते है, वह नहीं दिखा. वह रूस के एक स्थानीय टूर्नामेंट के दौरान घुटने की मामूली चोट से उबर कर इन खेलों में आए है.
सीमा बिस्ला का अभियान खत्म
अपना पहला ओलंपिक खेल रहीं, भारतीय पहलवान सीमा बिस्ला 50 किलोवर्ग के पहले दौर में ट्यूनीशिया की सारा हमदी से 1-3 से हार गईं. सीमा को हमदी ने खुलकर खेलने का कोई मौका नहीं दिया. मुकाबले में कोई दांव देखने को नहीं मिले. हमदी ने तीन में से दो अंक पुशआउट पर और एक सीमा के रक्षात्मक खेल पर बनाए. सीमा ने अपने प्रतिद्वंद्वी को धक्का देकर अंक बनाया.
चूंकि हमदी फाइनल में नहीं पहुंच पाईं, इस वजह से सीमा को रेपचेज खेलने का मौका मिला. सीमा ने 2017 के बाद से कोई राष्ट्रीय टूर्नामेंट नहीं जीता है, लेकिन मई में सोफिया में विश्व ओलंपिक क्वालिफायर जीतकर ओलंपिक में जगह बनाई थी.