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भारत की कमलप्रीत कौर ने 64 मीटर के थ्रो के साथ क्वालिफिकेशन दौर में दूसरे स्थान पर रहकर टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की चक्काफेंक (डिस्कस थ्रो) स्पर्धा के फाइनल में जगह बना ली. अनुभवी सीमा पूनिया चूक गईं. कमलप्रीत ने अपने तीसरे प्रयास में 64 मीटर का थ्रो फेंका जो क्वालिफिकेशन मार्क भी था.
क्वालिफिकेशन में शीर्ष रहने वाली अमेरिका की वालारी आलमैन के अलावा वह 64 मीटर या अधिक का थ्रो लगाने वाली अकेली खिलाड़ी रहीं . दोनों पूल में 31 खिलाड़ियों में से 64 मीटर का मार्क पार करने वाले या शीर्ष 12 ने क्वालिफाई किया. सीमा पूनिया पूल ए में 60.57 के थ्रो के साथ छठे स्थान पर रहीं.
कमलप्रीत ने पूल बी में पहले प्रयास में 60.29, दूसरे में 63.97 और आखिर में 64 मीटर का थ्रो फेंका. वहीं, पूल ए में सीमा का पहला प्रयास अवैध रहा . दूसरे प्रयास में उन्होंने 60.57 और तीसरे में 58.93 मीटर का थ्रो फेंका. इस स्पर्धा का फाइनल दो अगस्त को होगा.
इस साल शानदार फॉर्म में चल रही कमलप्रीत ने दो बार 65 मीटर का आंकड़ा पार किया. उन्होंने मार्च में फेडरेशन कप में 65.06 मीटर का थ्रो फेंककर राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा. वह 65 मीटर पार करने वाली पहली भारतीय हैं. इसके बाद जून में इंडियन ग्रां प्री 4 में अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड बेहतर करते हुए उन्होंने 66.59 मीटर का थ्रो फेंका.
कमलप्रीत कौर पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले से आती हैं. उन्होंने पटियाला में आयोजित 24वें फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अपने पहले और एकमात्र प्रयास में 65.06 मीटर चक्का फेंककर टोक्यो 2020 के लिए अपना टिकट बुक किया था.
उन्होंने इस प्रक्रिया में 63.50 मीटर के ओलंपिक योग्यता अंक को भी पार कर लिया था. उन्होंने 2012 में कृष्णा पूनिया द्वारा स्थापित 64.76 मीटर के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया था.