टोक्यो ओलंपिक की एथलेटिक्स स्पर्धा में भारत के अभियान की शुरुआत निराशाजनक रही. अविनाश साबले ने 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड बेहतर किया, लेकिन फाइनल में जगह नहीं बना सके. इसके बाद दुती चंद औसत प्रदर्शन के साथ शुरुआती दौर से ही बाहर हो गईं.
एमपी जबीर भी पुरुषों की 400 मीटर बाधा दौड़ से बाहर हो गए. साबले ने दूसरी हीट में 8:18.12 समय निकाला और मार्च में फेडरेशन कप में बनाया 8: 20.20 का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा. वह दूसरी हीट में सातवें स्थान पर रहे.
दुती चंद अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी नहीं दोहरा सकीं और 100 मीटर में 11.54 सेकंड का समय निकाला. उनका राष्ट्रीय रिकॉर्ड 11.17 सेकंड का है. वह पांचवीं हीट में सातवें और कुल 54 प्रतियोगियों में 45वें स्थान पर रहीं.
सातों हीट से शीर्ष तीन और अगले तीन सबसे तेज धावकों ने सेमीफाइनल में जगह बनाई. दुती ने विश्व रैंकिंग के आधार पर ओलंपिक में जगह बनाई थी, चूंकि वह 11.15 मीटर का क्वालिफिकेशन मार्क पार नहीं कर सकी थीं. उन्होंने 200 मीटर में भी विश्व रैंकिंग के आधार पर क्वालिफाई किया.
जबीर सातवें और अपनी हीट में आखिरी स्थान पर रहे. वह 50.77 सेकंड का समय निकालकर 36 प्रतियोगियों में 33वें स्थान पर रहे. उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 49. 13 सेकंड है. पांचों हीट में से पहले चार और अगले चार सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी सेमीफाइनल में पहुंचते हैं.
साबले बदकिस्मत रहे क्योंकि तीसरी हीट के शीर्ष तीन खिलाड़ी उनसे धीमा दौड़े थे. साबले क्वालिफाइंग हीट में सर्वश्रेष्ठ सातवें और कुल 13वें स्थान पर रहे. तीन हीट में से सर्वश्रेष्ठ तीन और अगले छह सबसे तेज खिलाड़ियों को मिलाकर कुल 15 फाइनल के लिए क्वालिफाई करते हैं.