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Tokyo Olympics: विनेश फोगाट का दांव चला तो टोक्यो में मेडल पक्का

भारतीय रेसलर पिछले तीन ओलंपिक खेलों से पदक जीतते आ रहे हैं. इस बार टोक्यो में वर्ल्ड नंबर-1 विनेश फोगाट पदक जीतने की सबसे प्रबल दावेदार हैं.

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Vinesh Phogat
Vinesh Phogat

विनेश फोगाट 
उम्र- 26 
खेल- रेसलिंग 
वर्ल्ड रैंकिंग- 1(53 किलो भारवर्ग) 

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भारतीय रेसलर पिछले तीन ओलंपिक खेलों से पदक जीतते आ रहे हैं. इस बार टोक्यो में वर्ल्ड नंबर-1 विनेश फोगाट पदक जीतने की सबसे प्रबल दावेदार हैं. विनेश 53 किलो भारवर्ग में भारतीय चुनौती पेश करेंगी. वह 2016 के रियो ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. जहां क्वार्टर फाइनल मुकाबले के दौरान उनका घुटना फ्रैक्चर हो गया था और वह कराहते हुए मैट से लौटी थीं. 

भिवानी में पैदा हुईं विनेश फोगाट रेसलिंग की दुनिया में किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. उनकी चचेरी बहनें गीता, बबीता और रितु फोगाट भी इस खेल में अपना दमखम दिखा चुकी हैं. विनेश ने 2013 में दिल्ली में आयोजित एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप के 51 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीतकर सुर्खियां बटोरीं. इसी साल उन्होंने जोहानिसबर्ग में हुई राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप के 51 किलो भार वर्ग में रजत पदक हासिल किया. 

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इसके बाद विनेश फोगाट ने 2014 राष्ट्रमंडल खेलों के 48 किलो भारवर्ग में पीला तमगा हासिल किया. फिर विनेश ने 2018 के कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स के 50 किलो भारवर्ग का स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया. इसी के साथ विनेश कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर बन गईं.

टोक्यो का सफर: विनेश फोगाट ने 2019 में कजाकिस्तान में आयोजित विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के जरिए ओलंपिक का टिकट हासिल किया था. विनेश ने 53 किलो भारवर्ग के रेपचेज रांउड-2 में वर्ल्ड नंबर-1 अमेरिकी रेसलर सारा हिल्डेब्रांट को 8-2 से धूल चटाकर टोक्यो जाना सुनिश्चित किया. इसके बाद उन्होंने ग्रीस की मारिया प्रेवोलाराकी को मात देकर कांस्य पदक पर कब्जा जमाया. 

हालिया प्रदर्शन: विनेश फोगाट ने जून 2021 में आयोजित पोलैंड ओपन के 53 किलो भारवर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया. 26 साल की विनेश का इस सत्र में यह तीसरा खिताब था. इससे पहले उन्होंने मार्च में माटियो पेलिकोन और अप्रैल में एशियाई चैम्पियनशिप का स्वर्ण पदक भी अपनी झोली में डाला था. एशियाई चैम्पियनशिप में विनेश का दबदबा इस कदर था कि उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में एक भी अंक नहीं गंवाया.

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