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Tokyo Olympics: पहलवान रवि दहिया फाइनल में, गोल्ड मेडल से एक कदम दूर

रेसलर रवि दहिया ने ओलंपिक में इतिहास रच दिया है. वह फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे पहलवान बन गए है. टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने पुरुषों के फ्रीस्टाइल 57 किग्रा वर्ग में कजाकिस्तान के नूरइस्लाम सानायेव को हराकर फाइनल में जगह बना ली है.

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 Kazakhstan's Nurislam Sanayev (red) and India's Ravi Kumar. (Getty)
Kazakhstan's Nurislam Sanayev (red) and India's Ravi Kumar. (Getty)

रेसलर रवि दहिया ने ओलंपिक में इतिहास रच दिया है. वह फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे पहलवान बन गए है. टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने पुरुषों के फ्रीस्टाइल 57 किग्रा वर्ग में कजाकिस्तान के नूरइस्लाम सानायेव को हराकर फाइनल में जगह बना ली है. रवि दहिया ने इसी के साथ सिल्वर मेडल पक्का कर लिया है. रवि शुरुआती मुकाबले में पिछड़ गए थे. वह 5-9 से पीछे चल रहे थे. हालांकि भारतीय पहलवान के पास वापसी का मौका था, क्योंकि रेसलिंग में ये लीड बहुत ज्यादा नहीं होती है. यहां हर सेकंड में हालात बदलते हैं.

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आखिरकार कजाकिस्तान के पहलवान चोटिल हो गए और 7-9 पर आकर रवि विजेता (Victory by fall) बन गए. दरअसल, दहिया ने वापसी करते हुए अपने विरोधी के दोनों पैरों पर हमला किया और उसके गिरने से जीतने में कामयाब रहे. इससे पहले सुशील कुमार ने 2012 लंदन ओलंपिक में फाइनल में जगह बनाकर रजत पदक जीता था. दहिया ने इससे पहले दोनों मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते थे. रवि दहिया 5 अगस्त को गोल्ड मेडल मुकाबले में उतरेंगे. 

ओवरऑल ओलंपिक कुश्ती में भारत के पदक

1. केडी जाधव

कांस्य पदक, हेलसिंकी ओलंपिक (1952)

2. सुशील कुमार

कांस्य पदक, बीजिंग ओलंपिक (2008)

रजत पदक, लंदन ओलंपिक (2012)

3. योगेश्वर दत्त

रेपचेज में चला हरियाणा के पहलवान का दांव

कांस्य पदक: लंदन ओलंपिक (2012)

4. साक्षी मलिक

कांस्य पदक: रियो ओलंपिक (2016)

5. रवि दहिया

टोक्यो ओलंपिक  (2020)

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केडी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे, जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था. उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया. सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे, लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने कांस्य जीतकर बराबरी की.

टोक्यो खेलों में भारत का चौथा पदक पक्का हो गया है. इससे पहले भारोत्तोलन में मीराबाई चनू ने रजत, बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने कांस्य पदक जीता.बुधवार को ही लवलीना बोरगोहेन ने कांस्य पर कब्जा किया.

रवि दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13-2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14- 4 से हराया, अल्जीरिया के अब्देलहक खेरबाचे को तकनीकी दक्षता के आधार पर हराने वाले वेंगलोव के खिलाफ रवि दहिया ने अपना शानदार फॉर्म जारी रखते हुए शुरू से ही दबाव बनाए रखा.

चौथे वरीय इस भारतीय पहलवान ने उरबानो के खिलाफ मुकाबले में लगातार विरोधी खिलाड़ी उसके दाएं पैर पर हमला किया और पहले पीरियड में ‘टेक-डाउन’ से अंक गंवाने के बाद पूरे मुकाबले में दबदबा बनाए रखा.

गत एशियाई चैम्पियन दहिया ने उस समय 13-2 से जीत दर्ज की, जबकि मुकाबले में एक मिनट और 10 सेकेंड का समय और बचा था. भारतीय पहलवान ने दूसरे पीरियड में पांच टेक-डाउन से अंक जुटाते हुए अपनी तकनीकी मजबूती दिखाई.

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 कांस्य पदक के लिए खेलेंगे दीपक पूनिया

दीपक पूनिया सेमीफाइनल में हारने के बाद अब कांस्य पदक के लिए खेलेंगे. पूनिया 86 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में अमेरिका के 2018 विश्व चैम्पियन डेविड मॉरिस टेलर से एकतरफा मुकाबले में हार गए. टेलर की तकनीकी दक्षता का पूनिया के पास कोई जवाब नहीं था. जवाबी हमले पर वह एक ही मूव बना सके, लेकिन टेलर ने उन्हें अंक नहीं लेने दिया.

 

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