टोक्यो पैरालंपिक्स की शूटिंग स्पर्धा में भारत के सिंहराज ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है. उन्होंने पुरुषों के 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 के फाइनल में तीसरा स्थान हासिल किया. हरियाणा के पैरा शूटर ने 216.8 का स्कोर किया और भारत को कांस्य पदक दिलाया. चीन के यांग चाओ (237.9) और यहीं के हुआंग जिंग (237.5) ने क्रमशः गोल्ड और सिल्वर जीता.
फरीदाबाद के रहने वाले 39 साल के सिंहराज (569) क्वालिफिकेशन में छठे स्थान पर रहे थे. जबकि 19 साल के मनीष नरवाल क्वालिफिकेशन (575 अंक) में पहले स्थान पर रहे, लेकिन उन्होंने फाइनल में निराश किया.
It’s Bronze for Singhraj at #Tokyo2020
— SAI Media (@Media_SAI) August 31, 2021
Singhraj clinches 🥉 in P1 Men's 10m Air Pistol SH1 final with 216.8 points
With this, 🇮🇳’s medal tally stands at 8, highest ever at any #Paralympics
Thank you for making #IND proud
Way to go Champ!!#Cheer4India#Praise4Para pic.twitter.com/4AQzg3VrHW
इससे पहले शूटिंग में सोमवार को जयपुर की अवनि लखेरा ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था.
मौजूदा पैरालंपिक में भारत ने अब तक 8 पदक जीत लिये हैं. भारत के खाते में अब तक 2 स्वर्ण, 4 रजत और 2 कांस्य पदक आए हैं. यह पैरालंपिक के इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. रियो पैरालंपिक (2016) में भारत ने 2 स्वर्ण सहित 4 पदक जीते थे.
सोमवार को जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल (एफ 64 वर्ग) ने भारत को इस पैरालंपिक खेलों का दूसरा स्वर्ण दिलाया था. सुमित ने रिकॉर्ड तोड़ 68.55 मीटर भाला फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
सुमित से पहले अवनि लखेरा ने शूटिंग में भारत को गोल्ड दिलाया. उन्होंने सोमवार को महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में पहला स्थान हासिल किया था.
शुरू से ही सिंहराज को संघर्ष करना पड़ा
सिंहराज शीर्ष तीन में जगह बनाने के लिए शुरू से ही संघर्षरत थे. उनका 19वां शॉट सही नहीं लगा, जिससे वह पिछड़ गए, लेकिन उनका 20वां प्रयास अच्छा रहा. जबकि इसमें चीन के झियालोंग लोउ 8.6 अंक ही बना पाए.
चीन ने हालांकि फाइनल में दबदबा बनाए रखा. मौजूदा चैम्पियन चाओ यांग (237.9 पैरालंपिक रिकॉर्ड) ने स्वर्ण और हुआंग जिंग (237.5) ने रजत पदक जीता.
भारत का यह वर्तमान खेलों में निशानेबाजी में दूसरा पदक है. एसएच1 वर्ग में निशानेबाज एक हाथ से ही पिस्टल थामते हैं. उनके एक हाथ या पांव में विकार होता है. इसमें निशानेबाज नियमों के अनुसार बैठकर या खड़े होकर निशाना लगाते हैं.