ओलंपिक में 41 साल बाद हॉकी में पदक जीतने के बाद भारतीय पुरुष टीम काफी भावुक दिखी. कांस्य पदक के प्लेऑफ में जर्मनी को 5-4 से हराने के बाद जालंधर के रहने वाले 29 साल के कप्तान मनप्रीत सिंह के पास अपनी भावनाओं को जाहिर करने के लिए शब्द नहीं थे. यह भारत का ओलंपिक में 12वां पदक है, लेकिन यह उसे चार दशक से अधिक के इंतजार के बाद मिला.
भारत ने पिछली बार ओलंपिक पोडियम पर 1980 मॉस्को खेलों के दौरान जगह बनाई थी, जब उसने स्वर्ण पदक जीता था. भारत ने ओलंपिक में आठ स्वर्ण जीते हैं. कप्तान मनप्रीत ने इस ऐतिहासिक पदक को देश के चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को समर्पित किया, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान जीवन बचाने के लिए बिना थके काम किया.
मनप्रीत ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि अभी मुझे क्या कहना चाहिए, यह शानदार था. प्रयास, मुकाबला, हम 1-3 से पीछे थे. मुझे लगता है कि हम इस पदक के हकदार थे. हमने इतनी कड़ी मेहनत की, पिछले 15 महीने हमारे लिए भी मुश्किल रहे, हम बेंगलुरू में थे और हमारे में से कुछ लोग कोविड से भी संक्रमित हुए.’
उन्होंने कहा, ‘हम इस पदक को चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को समर्पित करना चाहते हैं, जिन्होंने भारत में इतनी सारी जान बचाईं.’ जर्मनी ने हर विभाग में भारतीय हॉकी टीम की परीक्षा ली और मनप्रीत ने भी विरोधी टीम के जज्बे की सराहना की.
उन्होंने कहा, ‘यह काफी मुश्किल था, उन्हें अंतिम छह सेकेंड में पेनल्टी कॉर्नर मिला. हमने सोचा कि अपनी जान पर खेलकर भी हमें इसे बचाना है. यह काफी मुश्किल था. अभी मेरे पास शब्द नहीं हैं.’
मनप्रीत ने कहा, ‘हमने लंबे समय से पदक नहीं जीता था. अब हमें और अधिक आत्मविश्वास मिलेगा, हां हम कर सकते हैं. अगर हम ओलंपिक में पोडियम पर जगह बना सकते हैं तो हम कहीं भी पोडियम पर जगह बना सकते हैं.’
Pretty proud of these legends! pic.twitter.com/Kms2gcuvJp
— Graham Reid (@reidgj) August 5, 2021
भारत को सेमीफाइनल में बेल्जियम के खिलाफ 2-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी, जिससे उसकी स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद टूट गई थी. मनप्रीत ने कहा कि कोच ग्राहम रीड ने खिलाड़ियों को प्ले ऑफ पर ध्यान लगाने के लिए कहकर निराशा से बाहर निकाला.
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘हमने हार नहीं मानी. हम वापसी करते रहे. यह शानदार अहसास है, सर्वश्रेष्ठ अहसास. हम यहां स्वर्ण पदक के लिए आए थे, हमने कांस्य पदक जीता, यह भी बहुत बड़ी चीज है. यह सभी हॉकी प्रशंसकों के लिए शानदार लम्हा है.’
उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ शुरुआत है, (इस कांस्य पदक के साथ) कुछ खत्म नहीं हुआ है.’ भारत के लिए गोल करने वालों में शामिल रहे ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह मीडिया से बात करते हुए अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सके और उन्होंने कहा कि यह भारतीय हॉकी में शानदार चीजों की शुरुआत है.
उन्होंने कहा, ‘भारत में लोग हॉकी को भूल रहे थे. वे हॉकी को प्यार करते हैं, लेकिन उन्होंने यह उम्मीद छोड़ दी थी कि हम जीत सकते हैं. वे भविष्य में हमारे से और अधिक उम्मीदें लगा पाएंगे. हमारे ऊपर विश्वास रखें.’