मीराबाई चनू (Mirabai Chanu) का जन्म 8 अगस्त 1994 को मणिपुर के नोंगपेक काकचिंग गांव में हुआ था. शुरुआत में मीराबाई का सपना तीरंदाज बनने का था, लेकिन किन्हीं कारणों से उन्होंने वेटलिफ्टिंग को अपना करियर चुनना पड़ा.
मीराबाई की मेहनत आखिरकार रंग लाई, जब उन्होंने 2014 में ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलो भारवर्ग में उन्होंने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता. लगातार अच्छे प्रदर्शन की बदौलत उन्होंने रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया था. हालांकि रियो में उनका प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा था. वह क्लीन एंड जर्क के तीनों प्रयासों में भार उठाने में नाकामयाब रही थीं.
रियो ओलंपिक की नाकामी को भुलाकर मीराबाई चनू ने 2017 के विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया. अनाहेम में हुए उस चैम्पिनशिप में मीराबाई ने कुल 194 (स्नैच में 85 और क्लीन एंड जर्क में 107) किलो वजन उठाया था, जो कंपटीशन रिकॉर्ड था. 2018 में एक बार फिर कॉमनवेल्थ गेम्स में मीराबाई चनू ने गोल्ड मेडल जीतकर अपनी श्रेष्ठता साबित की.
मीराबाई 2021 ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली इकलौती भारतीय वेटलिफ्टर हैं. उन्होंने एशियन चैम्पियनशिप में 49 किलो भारवर्ग में कांस्य जीतकर टोक्यो का टिकट हासिल किया था. इस दौरान 26 साल की मीराबाई ने ने स्नैच में 86 किग्रा का भार उठाने के बाद क्लीन एवं जर्क में विश्व रिकॉर्ड कायम करते हुए 119 किलोग्राम का भार उठाया था.
राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने दी बधाई
टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई चनू के सिल्वर मेडल जीतने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा कि भारोत्तोलन में रजत पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए पदक तालिका की शुरुआत करने के लिए मीराबाई चनू को हार्दिक बधाई.
वहीं, पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि इससे अच्छी शुरुआत नहीं हो सकती. मीराबाई चनू का शानदार प्रदर्शन. भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई. उनकी सफलता हर भारतीय को प्रेरित करती है.