पिछले साल दो मौकों पर देश का नाम रौशन करने वाली एक एथलीट नासिक में रो पड़ी. ये आंसू अफसोस के थे. अफसोस इस बात का, कि दुनिया भर की सोहरत मिली, लेकिन अपने ही घर में किसी ने नहीं पूछा.