राष्ट्रमंडल खेल होंगे या नहीं इसका तो अंदाजा नहीं लगाया जा सकता,  लेकिन इस बात पर कोई दो राय नहीं है कि हमारे तीरंदाजों को सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही हैं, जिसके कारण उन्हें इस बात का डर है कि उनका तीर निशाने पर लगेगा या नहीं.