हर कोई कहता रहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स में गड़बड़ी हुई. लेकिन जिम्मेदार एजेंसियां टाल-मटोल में लगी रहीं. अब जब जांच का डंडा चला तो डीडीए को होश आया. डीडीए ने मान लिया है कि गेम्स विलेज बनाने में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया और लेटलतीफी भी हुई.