कहां तो सबूतों की लंबी फेहरिस्त का दावा किया जा रहा था और कहां कुछ घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें बाइज्जत छोड़ दिया गया. स्पॉट फिक्सिंग के आरोपी पाकिस्तान के तीन क्रिकेटरों के साथ पुलिसिया पूछताछ में कुछ ऐसा ही हुआ है.