Ravi Dahiya ने Tokyo Olympics में शानदार प्रदर्शन करते हुए 57 किग्रा फ्रीस्टाइल Wrestling में Silver Medal अपने नाम किया. रवि दहिया ने छत्रसाल स्टेडियम में कुश्ती की ट्रेनिंग ली है, लेकिन उनकी इस कामयाबी के पीछे उनके बचपन के संन्यासी गुरु Hansraj की भी अहम भूमिका रही है. पहलवान रवि दहिया के घर से करीब तीन किलोमीटर दूर उनके पहले गुरु ब्रह्मचारी हंसराज रहते हैं. वह छह साल की उम्र में उनके अखाड़े में चले गए थे और 12 साल की उम्र तक वहां प्रशिक्षण लिया. हंसराज के अखाड़े में आसपास के गांवों के दर्जनों बच्चे प्रशिक्षण लेते हैं. किसी दूसरे कुश्ती कोच के विपरीत हंसराज की जीवन शैली बेहद साधारण है. देखें ये वीडियो.