
पांच बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया बैटिंग और बॉलिंग से ही नहीं बल्कि अपनी फील्डिंग से भी विरोधी टीम के जबड़े से मैच खींचकर जीतने का माद्दा रखती है. स्लाइड लगाकर बाउंड्री लाइन पर गेंद रोकना, डायरेक्ट थ्रो से रनआउट करना या हवा में उछलकर कैच लपकना. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को इसमें महारत हासिल है. ऐसे में रोहित शर्मा एंड कंपनी को बेहद सतर्क रहने की जरूरत होगी.
टीम इंडिया के बल्लेबाजों को अपने शॉट्स सिलेक्शन और रनिंग बिटविन द विकेट पर खासा ध्यान रखना होगा. क्योंकि छोटी सी चूक का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. भारतीय टीम 10 मुकाबले जीतकर फाइनल में पहुंची और ऑस्ट्रेलिया को लीग मुकाबले में भी हराया है. बावजूद इसके भारतीय टीम को विरोधी के सामने अपने खेल के स्तर को हर डिपार्टमेंट में ऊंचा रखना होगा.
दमदार फील्डिंग से प्रेशर बनाते हैं ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मानसिक रूप से बेहद मजबूत मानें जाते हैं. हाल ही में खेली गई आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भी यह देखने को मिला था. भारतीय टीम को किसी भी सेशन में वापसी का कोई भी मौका नहीं दिया और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन बनी ऑस्ट्रेलिया. इसी वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान के खिलाफ ग्लेन मैक्सवेल की 201 रन की पारी को भला कौन भुला पाएगा. पैर में जकड़न के बावजूद वो अपने करियर की बेस्ट पारी खेले थे (128 गेंद, 201 रन, 21 चौके, 10 छक्के). बेहतरीन खेल के अलावा मानसिक मजबूती की वजह से ऑस्ट्रेलियाई टीम 50 ओवर्स के फॉर्मेट में पांच बार वर्ल्ड चैंपियन बनी है. ICC के सभी खिताब जीतने वाली पहली टीम है ऑस्ट्रेलिया.
टीम इंडिया को कैचिंग और फील्डिंग पर ध्यान देने की जरूरत
वहीं, पूर्व कप्तान और दिग्गज ओपनर बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कहना है कि भारतीय टीम को अपनी फील्डिंग और कैचिंग पर थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है. यह फाइनल मुकाबला है, इसलिए हमारे बेहतरीन फील्डरों को बाउंड्री लाइन पर होना चाहिए. जब आखिरी के ओवर होते हैं तो बल्लेबाज चौके, छक्के मारने की कोशिश करते हैं और वहां पर तेज फील्डरों का होना जरूरी है क्योंकि बाउंड्री को रोककर जब दो रन दिए जाते हैं तो बैटिंग साइड काफी फ्रस्ट्रेड होती है. इसलिए विराट कोहली, रविंद्र जडेजा, शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, कुलदीप कुमार यादव जैसे बेहतरीन फील्डर वो बाउंड्री लाइन पर पेट्रोलिंग करें.
तेज तर्रार फील्डरों को बाउंड्री लाइन पर रखना होगा
तीस मीटर के सर्कल में सिंगल को रोकना बेहद मुश्किल है, क्योंकि आजकल रनिंग बिटवीन द विकेट काफी अच्छी होती है. बाउंड्री लाइन पर आप जितने रन बचाएंगे वो काफी फायदेमंद होगा. अगर भारतीय टीम ऐसा करने में कामयाब हो जाती है तो यह टीम अनबीटेबल है. बता दें, मोहम्मद शमी ने सेमीफाइनल में केन विलियमसन का आसान कैच टपकाया था. यह कैच ड्रॉप टीम इंडिया को महंगा पड़ सकता था. इसके अलावा भी इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम कई मौकों पर बाउंड्री बचाने के मौके भी गंवाए हैं.
ऑस्ट्रेलिया 5 और भारत 2 बार वर्ल्ड कप जीता
फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को लचर फील्डिंग से बचना होगा. वहीं ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बेहतरीन क्षेत्ररक्षण के लिए जाने जाते हैं. ऑस्ट्रेलियाई टीम रिकॉर्ड आठवीं बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है. अबतक ऑस्ट्रेलिया ने 5 बार विश्व कप का खिताब जीता है तो वहीं भारत ने 2 बार खिताब अपने नाम करने में सफलता पाई है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों टीमों के बीच वर्ल्ड कप का फाइनल कौन सी टीम जीतेगी.