भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में 70 रनों से शानदार जीत दर्ज करते हुए चौथी बार इस वैश्विक टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कर लिया. भारत की इस शानदार जीत में रोहित की कप्तानी और बल्लेबाजों का तो अहम योगदान रहा ही, साथ में तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने भी अहम भूमिका अदा की. भारत ने जब न्यूजीलैंड के सामने 398 रनों की लक्ष्य रखा तो तभी तय हो गया था कि भारत इस मुकाबले को जीत लेगा, लेकिन कीवी टीम ने जिस तरह से संघर्ष किया उसकी उम्मीद बहुत कम लोगों को रही होगी.
जब विलियमसन और मिशेल ने गाड़ा खूंटा
39 पर 2 विकेट गंवाने के बाद जब लग रहा था कि भारतीय गेंदबाज मैच में पकड़ मजबूत कर लेंगे तो तभी कप्तान केन विलियमसन और मध्यक्रम के बल्लेबाज डेरिल मिचेल ने 181 रनों की ऐसी साझेदारी की, जिससे एक दफा लगने लगा कि कहीं भारत का फाइनल में पहुंचने का सपना टूट ना जाए. दोनों बल्लेबाजों ने शुरूआत में सतर्कता बरतते हुए स्ट्राइक रोटेट की और जैसे ही क्रीज पर नजरें जमीं तो लंबे शॉट लगाने शुरू कर दिए. मिचेल और विलियमसन ना केवल सिंगल ले रहे थे बल्कि चौके- छक्के लगाकर नेट रनरेट भी मेंटेन करने की कोशिश कर रहे थे.
दोनों की बेखौफ बल्लेबाजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस साझेदारी ने महज 24.4 ओवरों में 6.5 से अधिक की औसत से 181 रन बना डाले. सोशल मीडिया में भी इस बात की चर्चा होने लगी कि मैच फंस गया है. कई लोग ये भी मानने लगे कि कहीं 2019 की तरह एक बार फिर कीवी भारत के फाइनल में पहुंचने के सपने को ना तोड़ दें.
शमी ने करवाई वापसी
ऐसे समय जब स्टेडियम और घर पर मैच देख रहे दर्शकों में सन्नाटा छा गया तो कप्तान ने बड़ी चतुराई से बॉलिंग चेंज करवाई और अपने 'ब्रह्मास्त्र' शमी को बुलाया. शमी ने भी कप्तान और देशवासियों को निराश नहीं किया. 32वें ओवर की दूसरी गेंद पर जैसे ही विलियमसन ने शॉट खेला तो एक पल के लिए सभी को लगा कि गेंद सीमा रेखा को पार कर जाएगी, लेकिन बाउंड्री लाइन पर खड़े सूर्यकुमार यादव ने जैसे ही कैच लिया तो पूरा स्टेडियम दर्शकों के शोर से गूंज उठा. इसी ओवर में शमी ने टॉम लैथम को भी चलता कर दिया और भारत की मैच में वापसी करा दी.
इसके बाद पनप रही एक और साझेदारी को बुमराह ने तोड़ा जब फिलिप्स को उन्होंने 41 रनों पर जडेजा के हाथों कैच कराया. फिलिप्स ने मिशेल के साथ 10.1 ओवर में 75 रन जोड़े. इसके बाद मिचेल भी 134 रन बनाकर आउट हो गए. कुलदीप के अलावा बचे हुए तीन विकेट शमी ने लिए और चौथी बार टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचाया.