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सेमीफाइनल मैच तो जीत लिया, लेकिन जगजाहिर हो गई टीम इंडिया की ये सबसे बड़ी कमजोरी

भारत इस विश्व कप में पांच प्रमुख गेंदबाजों के साथ ही उतर रहा है और छठे गेंदबाज की कमी हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पंड्या पूरी कर रहे थे. बांग्लादेश के बीच खेले गए मुकाबले के दौरान हार्दिक चोटिल हो गए और बाद में वह विश्व कप से बाहर हो गए. तब से भारत अपने पांच प्रमुख गेंदबाजों के साथ ही मैदान पर उतर रहा है.

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सेमीफाइनल में दिखी छठे गेंदबाज की कमी
सेमीफाइनल में दिखी छठे गेंदबाज की कमी

भारत ने विश्व कप के एक रोमांचक सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को 70 रनों से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शानदार बल्लेबाजी की और कीवी टीम के सामने 398 रनों का लक्ष्य रखा. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने जो तूफानी शुरुआत टीम इंडिया को दिलाई उस लय को बैंटिंग करने आए सभी बल्लेबाजों ने बरकरार रखा. बाद में गेंदबाजों का मशक्कत जरूर करनी पड़ी, लेकिन सही समय पर शमी ने साझेदारी को तोड़कर भारत की जीत की राह आसान कर दी.

रोहित और गिल ने तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी की और पहले विकेट के लिए महज 8.2 ओवरों में 71 रन ठोक डाले. यहां रोहित शर्मा 29 गेंदों में 47 रन बनाकर टिम साउदी का शिकार बने. इसके बाद बल्लेबाजी करने आए विराट कोहली ने ना सिर्फ गिल के साथ शानदार 93 रनों की साझेदारी की, बल्कि अपने करियर का 50 शतक भी जड़ा. गिल ने 66 गेंदों में 80* रनों की शानदार पारी खेली. इसके बाद श्रेयस अय्यर ने जहां 70 गेंदों में 105 रन बनाए, तो वहीं केएल राहुल ने ताबड़तोड 39 रनों की पारी खेलकर स्कोर को 400 के करीब पहुंचा दिया. 

हर कोई तय मान रहा था भारत की आसान जीत

भारत ने जब कीवी टीम को 398 रनों का लक्ष्य दिया तो भारतीय गेंदबाजों की मौजूद फॉर्म को देखते हुए अधिकांश लोग मानकर चल रहे थे कि भारत आसानी से मैच जीत लेगा. जब कीवी टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो उसने सधी हुई शुरुआत की. भारत को पहली सफलता छठे ओवर में मिली जब 30 रन पर कॉन्वे को शमी ने चलता किया. इसके बाद 39 पर जैसे ही इनफॉर्म बल्लेबाज रचिन रवींद्र को शमी ने राहुल के हाथों कैच करवाया तो वानखेड़े का पूरा स्टेडियम झूम उठा. इसके बाद कप्तान केन विलियमसन और डेरेल मिचेल ने पारी को आगे बढ़ाया. दोनों बल्लेबाजों ने शुरूआत में भारतीय गेंदबाजों को पूरे सम्मान के साथ खेला और जैसे ही दोनों की आंखें जमीं तो उन्होंने अटैक करना शुरू कर दिया.

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जब स्टेडियम में छाया सन्नाटा

विलियमसन और मिचेल दोनों ही मैदान के हर कोने में शॉट खेले. विलियमसन जहां स्ट्राइक रोटेड करने पर जोर दे रहे थे तो दूसरी छोर पर मिशेल लंबे शॉट खेल रहे थे. जैसे-जैसे गेम आगे बढ़ता गया दोनों ने अपना गियर चेंज किया और लंबे शॉट लगाने शुरू कर दिए. मैदान में मौजूद दर्शक हों या फिर घर पर बैठकर स्क्रीन पर मैच देख रहे दर्शक, हर तरफ खामोशी छा गई. दोनों बल्लेबाजों ने केवल कुलदीप यादव को छोड़कर सभी प्रमुख गेंदबाजों को निशाना बनाया. दोनों ही बल्लेबाजों ने तीसरे विकेट के लिए 181 रनों की पार्टनरशिप की. ऐसे वक्त में रोहित ने एक बार फिर गेंद 'मिस्टर भरोसेमंद' शमी को सौंपी तो उन्होंने एक ही ओवर में कप्तान विलियमसन और टॉम लैथम को चलता कर दिया. पूरा स्टेडियम खुशी से झूम उठा. इसके बाद फिलिप्स और मिचेल को छोड़कर न्यूजीलैंड के बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सके और पूरी टीम 327 रन बनाकर आउट हो गई. 

छठे गेंदबाज की कमी

भारत भले ही 70 रनों से मैच जीत गया हो लेकिन यहां एक कमी भी दिखी वो थी छठे गेंदबाज की. यहां एक छठे गेंदबाज या हरफनमौला खिलाड़ी की कमी दिखी जिसे अक्सर हार्दिक पंड्या पूरी करते हैं. यह कमी यहां हार्दिक पंड्या या फिर आर अश्विन पूरी कर सकते थे. अगर भारत का फाइनल मैच ऑस्ट्रेलिया या दक्षिण अफ्रीका किसी के खिलाफ भी होता है और इसी तरह की बैटिंग ट्रैक रहता है तो निश्चित तौर पर भारत का सरदर्द बढ़ सकता है और छठे गेंदबाज या अतिरिक्त गेंदबाज का ना होना टीम के लिए मुश्किलें भी पैदा कर सकता है. हालांकि टीम के पास रोहित और विराट भी गेंदबाजी का विकल्प हैं जो पूर्व में गेंदबाजी कर चुके हैं.

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दूसीर बार करीब 25 ओवर तक विकेट को तरसे गेंदबाज

दरअसल, भारत इस विश्व कप में पांच प्रमुख गेंदबाजों के साथ ही उतर रहा है और छठे गेंदबाज की कमी हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पंड्या पूरी कर रहे थे. बांग्लादेश के बीच खेले गए मुकाबले के दौरान हार्दिक चोटिल हो गए और बाद में वह विश्व कप से बाहर हो गए. इसके बाद टीम में दो खिलाड़ियों की वापसी हुई बल्लेबाज के तौर पर सूर्यकुमार यादव और शार्दुल ठाकुर की जगह मोहम्मद शामी. गेंदबाजों ने, विशेषकर मोहम्मद शमी ने हर मैच में शानदार प्रदर्शन किया और कभी नहीं लगा कि  हार्दिक के बाहर होने से टीम पर फर्क पड़ रहा है. लेकिन सेमीफाइनल में भारत को अतिरिक्त गेंदबाज की कमी जरूर महसूस हुई. इस मैच में 7.4 ओवर लेकर 32.2 ओवर यानी करीब 25 ओवर तक भारतीय गेंदबाज विकेट के लिए तरसते रहे. यह टूर्नामेंट पर दूसरी बार हुआ जब भारतीय गेंदबाजों को एक विकेट लेने के लिए इतने ओवर का इंतजार करना पड़ा. लीग मैच में भी न्यूजीलैंड के खिलाफ ही विकेट के लिए 25 ओवर का इंतजार करना पड़ा था.

इस दौरान कप्तान ने तमाम प्रयोग किए, लेकिन सफलता तब मिली जब शमी गेंदबाजी के लिए लौटे. यहां छठे गेंदबाज का जिक्र करना इसलिए जरूरी है क्योंकि खुद कप्तान रोहित ने नीदरलैंड्स के खिलाफ मैच के बाद माना था कि वह अपने छठे गेंदबाजी के विकल्प को टेस्ट कर रहे थे. नीदरलैंड्स के खिलाफ मैच में कप्तान रोहित शर्मा के अलावा शुभमन गिल, सूर्यकुमार यादव और विराट कोहली ने भी गेंदबाजी की थी. 

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