दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता मंगलवार को बजट पेश करेंगी. आज यानी सोमवार से दिल्ली का बजट सत्र शुरू होगा जो 28 मार्च तक चलेगा. सीएम रेखा गुप्ता ने दिल्ली के बजट की रूपरेखा बताई है. उन्होंने इस बजट को 'विकसित दिल्ली बजट' करार दिया और बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, प्रदूषण और जलभराव की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर दिल्ली का बजट कैसे तय होता है, केंद्र से इसके लिए कितनी मदद मिलती है और दिल्ली की आमदनी के सोर्स क्या हैं?
दिल्ली एक केंद्रीय शासित क्षेत्र है, जिसका प्रशासन केंद्र और राज्य दोनों द्वारा साझा किया जाता है. दिल्ली के बजट को राज्य सरकार द्वारा तैयार किया जाता है, लेकिन इस पर केंद्र सरकार का भी प्रभाव होता है. यह दिल्ली सरकार के खर्चों और आमदनी से संबंधित होता है. इसमें मुख्य रूप से राज्य के विकास कार्य, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पुलिस, और अन्य बुनियादी सेवाओं के लिए धन आवंटित किया जाता है.
केंद्र से कितनी मदद मिलती है?
दिल्ली को केंद्र से मिलने वाली वित्तीय मदद केंद्र सरकार की नीतियों और योजनाओं पर निर्भर करती है. केंद्र से प्राप्त होने वाली मदद का मुख्य स्रोत केंद्रीय योजनाएं और फंडिंग होती हैं. केंद्र सरकार के कई प्रमुख योजनाओं, जैसे स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिल्ली को मदद मिलती है.
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हालांकि, दिल्ली के मामले में यह मदद अन्य राज्यों की तुलना में कम है. इसका कारण यह है कि दिल्ली का प्रशासन अधिकांश मामलों में केंद्र सरकार के नियंत्रण में होता है. 2024-25 के बजट के अनुसार, दिल्ली को केंद्र से करीब 11,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद का ऐलान हुआ है.
दिल्ली की आमदनी के मुख्य स्रोत
दिल्ली की आमदनी के प्रमुख स्रोत मुख्य रूप से राज्य के भीतर उत्पन्न होने वाले राजस्व से आते हैं. इसके तहत दिल्ली सरकार को विभिन्न प्रकार के कर और शुल्क से आय होती है. दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा वित्तीय स्रोत टैक्स रेवन्यू है. इसमें प्रमुख रूप से वैट (वैल्यू एडेड टैक्स), संपत्ति कर, इनकम टैक्स, स्टांप ड्यूटी, रोड टैक्स शामिल होते हैं. दिल्ली, भारत के सबसे बड़े व्यापारिक केंद्रों में से एक है, और यहां व्यापारिक गतिविधियां बहुत अधिक हैं, जिससे करों से होने वाली आय काफी बढ़ जाती है. जानकारी के अनुसार, दिल्ली के बजट का कुल 70 फीसदी हिस्सा टैक्स रेवन्यू से मिलता है. वहीं, दिल्ली सरकार को भूमि और संपत्ति के लेन-देन से भी अच्छी खासी आय होती है.
पिछले बजट के बारे में जानिए
पिछली बार दिल्ली की तत्कालीन सीएम आतिशी ने 76 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. तब उन्होंने कहा था कि दिल्ली की आबादी देश की कुल आबादी का सिर्फ 1.55 फीसदी है. लेकिन फिर देश की जीडीपी में दिल्ली का योगदान दोगुने से अधिक है. इस बार बीजेपी की ओर से पेश किए जा रहे बजट पर सभी की नजर है. दरअसल, चुनाव के दौरान बीजेपी ने कई योजनाओं का ऐलान किया था. ऐसे में देखना होगा कि आखिर बजट में किसपर मुहर लगती है.