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महिला ने जीता मुकदमा, Airtel को वापस करने पड़े 44 रुपये

अहमदाबाद ग्रामीण के एक उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने प्रमुख दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल को एक उपभोक्ता को 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान इंटरनेट सेवा बाधित होने की वजह से हुए डेटा नुकसान के लिए 44.50 रुपये की राशि लौटाने का आदेश दिया है.

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एयरटेल
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अहमदाबाद ग्रामीण के एक उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने प्रमुख दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल को एक उपभोक्ता को 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान इंटरनेट सेवा बाधित होने की वजह से हुए डेटा नुकसान के लिए 44.50 रुपये की राशि लौटाने का आदेश दिया है.

 

आयोग ने 25 जुलाई के अपने आदेश में कंपनी से अंजना ब्रमभट्ट को 26 अगस्त, 2015 से 12 प्रतिशत ब्याज के साथ 44.50 रुपये अदा करने को कहा. पाटीदार आंदोलन के हिंसक होने की वजह से 27 अगस्त से चार सितंबर 2015 के बीच मोबाइल इंटरनेट सेवाएं रोक दी गयी थीं. कंपनी ने जब पैसे लौटाने से इनकार कर दिया तो अंजना ने आयोग का दरवाजा खटखटाया.

 

अंजना के वकील मुकेश पारीख ने जानकारी दी कि अंजना ने 5 अगस्त 2015 को 178 रुपये वाला प्लान खरीदा था, जिसकी वैलिडिटी 28 दिनों की थी. इसमें 2GB डेटा दिया जाना था. आंदोलन की वजह से शहर में 26 अगस्त से 4 सितंबर 2015 तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी.

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उन्होंने कहा, ‘अंजना ने एयरटेल से आठ दिन के लिए सर्विस बढ़ाने या 44.50 रुपये वापस करने का अनुरोध किया. लेकिन, कंपनी ने मना कर दिया.' इस पर कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि नेट सेवा बंद करना सरकार का आदेश था इसमें उसकी कोई गलती नहीं है, वो सरकार के आदेश का पालन कर रही थी.

 

इतना ही नहीं अंजना ने मानसिक प्रताड़ना के लिए 10 हजार और कानूनी खर्चे के लिए 5 हजार रुपए देने की भी मांग की. लेकिन कोर्ट ने इस केस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि इंटरनेट सर्विस सार्वजनिक कारण से रोकी गई थी. यह कंपनी के नियंत्रण में नहीं थी. इसलिए, मानसिक प्रताड़ना और कानूनी खर्च का भुगतान नहीं दिया जा सकता. लेकिन कोर्ट ने कंपनी को 44.50 रुपये पर 12% ब्याज के साथ 55.18 रुपये देने का आदेश दे दिया.

 

 

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