scorecardresearch
 

लोकेशन सर्विस बंद करने के बाद भी एंड्रॉयड गूगल को आपकी लोकेशन भेजता है

Quartz ने कहा है कि जांच में यह भी पाया गया है कि एंड्रॉयड डिवाइस को अगर आपने फैक्ट्री डीफॉल्ट सेटिंग रिसेट भी कर दिया है फिर भी डिवाइस का लोकेशन डेटा गूगल को मिलता रहता है.

Advertisement
X
Representational Image
Representational Image

Advertisement

ये डिबेट काफी पुराना है कि क्या एंड्रॉयड यूजर्स की लोकेशन इनफॉर्मेशन गूगल के पास जाती है. इसके पीछे कई तर्क हैं. अव्वल ये कि आपकी परमिशन के बिना गूगल कुछ भी नहीं लेता और दूसरा ये कि आप गूगल के प्लेटफॉर्म पर हैं और ये कैसे सोच सकते हैं गूगल आपकी लोकेशन की जानकारी नहीं रखता. बहरहाल हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि क्वॉर्ट्ज ने एक इनवेस्टिगेशन किया है जिससे गूगल लोकेशन सर्विस को लेकर कुछ बातें सामने आ रही हैं.

अमेरिकी पब्लिकेशन क्वॉर्ट्ज की इनवेस्टिगेशन के मुताबिक एंड्रॉयड डिवाइस यानी स्मार्टफोन और टैब गूगल को यूसर की लोकेशन भेजते हैं. ये लोकेशन डायरेक्ट यूजर का नहीं होता, बल्कि ये सेलफोन टावर का लोकेशन होता है. इसमें चौंकाने वाला खुलासा ये है कि यूजर ने अगर लोकेशन डिसेबल कर रखा है फिर भी सेलफोन टावर की लोकेशन गूगल के पास जाती है.

Advertisement

Quartz ने कहा है कि जांच में यह भी पाया गया है कि एंड्रॉयड डिवाइस को अगर आपने फैक्ट्री डीफॉल्ट सेटिंग रिसेट भी कर दिया है फिर भी डिवाइस का लोकेशन डेटा गूगल को मिलता रहता है. इतना ही नहीं इस जांच के बाद क्वॉर्ट्ज ने यह भी कहा है कि हर बार नजदीकी टावर से कनेक्ट होते ही वाईफाई और सेल्यूलर डेटा के जरिए लोकेशन गूगल को सेंड करता है.

एक दूसरा खुलासा ये हुआ है कि अगर डिवाइस में सिम नहीं भी हो तो लोकेशन भेजे जाते हैं. ये लोकेशन वाईफाई कनेक्टिविटी के आधार पर भेजे जाते हैं.

क्वॉर्ट्ज के मुताबिक 2017 की शुरुआत से ही एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स आस पास के सेल्यूलर टावर्स की जानकारी कलेक्ट कर रहे हैं. लोकेशन सर्विस बंद करने के बावजूद ऐसा हो रहा है. सेल्यूलर डेटा कलेक्ट करने तक की बात नहीं है, बल्कि इसे गूगल को भेजा भी जा रहा है. क्वार्ट्ज की रिपोर्ट के मुताबिक यूजर्स की लोकेशन जानकारियां गूगल की पेरेंट कंपनी ऐल्फाबेट को दी जाती है और उन्हें कस्टमर्स के मूवमेंट की जानकारियां मिलती है.

क्वार्ट्ज ने यह भी कहा कि इस बारे में उन्होंने गूगल से संपर्क किया है और गूगल ने इसकी पुष्टि की है कि वो ऐसा करते हैं.

Advertisement

हालांकि गूगल का यह भी कहना है कि कंपनी इस तरह से यूजर के लोकेशन डेटा कलेक्शन का इस्तेमाल नहीं करती है . बल्कि इस डेटा का इस्तेमाल करके विज्ञापन देने वालों टार्गेट कस्टमर्स तक पहुंचने में आसानी होती है. क्वार्ट्ज के मुताबिक, उदाहरण के तौर पर कंपनी इस लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए यह पता लगा सकती है कि एंड्रॉयड यूज करने वाला कोई शख्स कब किस दुकान में जा रहा है.

Advertisement
Advertisement