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ऐपल-सैमसंग पेटेंट विवाद खत्म, क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि iPhone का डिजाइन कॉपी करने को लेकर इस पेटेंट की लड़ाई 2011 में शुरू हुई. शुरुआत में कोर्ट ने ऐपल के पक्ष में फैसाल सुनाते हुए सैमसंग से 1 बिलियन डॉलर का जुर्माना मांगा. हालांकि यह केस यहीं खत्म नहीं हुआ.

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Representational Image
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सात साल से चला आ रहा है ऐपल और सैमसंग का पेटेंट विवाद आखिरकार सुलझा लिया गया है. ऐपल का इल्जाम रहा है कि सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने iPhone का डिजाइन कॉपी किया है और इस वजह से सैमसंग को पेनाल्टी के तौर पर पैसे भी देने पड़े हैं.

हालांकि यह ऐपल और सैमसंग का ये पेटेंट विवाद किस टर्म पर सेटल किया गया है अभी तक यह साफ नहीं है. गौरतलब है कि टर्म ऑफ सेटलमेंट अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट फॉर नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफोर्निया में किया गया.

आपको बता दें कि iPhone का डिजाइन कॉपी करने को लेकर इस पेटेंट की जंग 2011 में शुरू हुई. शुरुआत में कोर्ट ने ऐपल के पक्ष में फैसाल सुनाते हुए सैमसंग से 1 बिलियन डॉलर का जुर्माना मांगा. हालांकि यह केस यहीं खत्म नहीं हुआ.

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दरअसल ऐपल का आरोप रहा है कि सैमसंग ने ऐपल के बेसिक फंक्शन चुराए हैं. उदाहरण के तौर पर टैप टू जूम, होम स्क्रीन ऐप ग्रिड और लेआउट. असल मुद्दा ये था कि सैमसंग ने शुरुआती दिनों में ऐपल के डिजाइन और यूजर इंटरफेस को कॉपी करके लोकप्रियता हासिल की है और यही आरोप ऐपल का रहा है. दिलचस्प ये रहा है कि ज्यूरी ने भी माना की सैमसंग ने ऐसा किया है यानी ऐपल का आरोप सही है.

हाल ही में सैमसंग को 539 मिलियन डॉलर देकर इस मामले को सेटल करे की बात की गई. इसके बाद सैमसंग ने फिर से अपील की. लेकिन दोनों कंपनियां अब अगली सुनवाई से पहले ही इस अग्रीमेंट पर पहुंच गए हैं कि अब इस मामले को खत्म करने का समय आ गया है.

ऐपल ने इस केस को सेटल करने के लिए जो टर्म्स हैं उसके बारे में मीडिया को नहीं बताया है. हालांकि ऐपल ने ये कहा है कि डिजाइन को लेकर कंपनी काफ गंभीर रहती है और यह केस हमेशा से पैसों से बढ़कर है. इस मामले में सैमसंग की तरफ से अब तक कोई बयान नहीं आया है.

2016 के आखिर में एक ट्रायल में हार के बाद सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी और कोर्ट ने सैमसंग की उस दलील को खारीज नहीं किया जिसमें सैमसंग ने कहा कि पेटेंट का उल्लंघन करने वाले को चुराए हुए डिजाइन से कमाए गए सारे पैसे नहीं दिए जाने चाहिए, क्योंकि उस डिजाइन का एक हिस्सा ही था.

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इस पेटेंट की जंग में फायदा ऐपल का ही माना जा रहा है. लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि आखिर कौन से वो टर्म्स हैं जिनपर दोनों कंपनियों ने इस पेटेंट बैटल को विराम देने का निर्णय लिया है. 

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