टैक्स लगाने के संदर्भ में बैटरी चार्जर को फोन का समेकित (इंटीग्रेटेड) हिस्सा नहीं माना जा सकता, बल्कि यह अलग प्रोडक्ट है जिसे अलग से बेचा जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने यह व्यवस्था दी है.
न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर की बेंच ने इस व्यवस्था के साथ ही पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया. हाई कोर्ट ने नोकिया इंडिया प्रा. लि. के इस तर्क को स्वीकार कर लिया था कि सेल फोन का बैटरी चार्जर एक समेकित पैकेज के रूप में बेचा जाता है और चार्जर को कर की रियायती दर से अलग नहीं किया जा सकता. इस फोन में बैटरी नहीं 'बैटरा' है
शीर्ष अदालत ने मूल्य संवर्धित कर न्यायाधिकरण के उस फैसले को सही ठहराया जिसमें हैंड सेट और चार्जर को अलग अलग उपकरण मानने के कर अधिकारियों के फैसले से सहमति जताई गई थी. न्यायाधीशों ने कहा कि कर निर्धारण प्राधिकार, अपील प्राधिकार और न्यायाधिकरण ने सही व्यवस्था दी है कि मोबाइल फोन का चार्जर सेल फोन का अतिरिक्त यंत्र है और वह सेल फोन का हिस्सा नहीं है.
न्यायालय ने कर से संबंधित मामले में यह व्यवस्था दी और कहा कि न्यायाधिकरण ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि नोकिया की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार कंपनी हमेशा ही मोबाइल बैटरी चार्जर को अतिरिक्त यंत्र की श्रेणी में रखती है जिसका मतलब यह हुआ कि सामान्य बोलचाल में मोबाइल बैटरी चार्जर अतिरिक्त यंत्र ही समझा जाता है.
(इनपुट: भाषा)