साल 2012 में स्मार्टफोन बाजार के सजते ही मेरी जिंदगी का एक मकसद बना, आईफोन खरीदना. सिर्फ इसलिए नहीं कि भीड़ में अलग दिखना है. बल्कि इसलिए भी कि जिस तकनीक ने दुनिया को मुट्ठी में बंद करने का काम किया है, उस तकनीक की सिरमौर और सबसे प्रतिष्ठित कंपनी आखिर ऐसा बनाती क्या है, जिसकी कीमत सोने-चांदी के बराबर है. जेब और हालात को टटोलने के बाद 2014 में पहला स्मार्टफोन iPhone 6 Plus खरीदा और अब iPhone 7 Plus खरीदने की तैयारी है.
एप्पल के आईफोन-7, आईफोन-7 प्लस और आईफोन-7 प्रो के फीचर्स को लेकर कयासों का दौर जारी है. यह भी सही है कि मौजूदा iPhone 6s और 6s प्लस कई मानदंडों पर सैमसंग और दूसरी बड़ी कंपनियों के प्रोडक्ट से पिछड़ता जान पड़ता है. बाजार में ऐसे कई स्मार्टफोन हैं, जिनमें आईफोन से बेहतर फीचर्स हैं! लेकिन एक आईफोन यूजर होने के नाते और फोन की कीमत को देखते हुए मैं अभी भी आईफोन ही खरीदना चाहूंगा.
हालांकि, 6 प्लस के बाद बीते साल 6एस प्लस खरीदने की हिम्मत न तो मैं जुटा पाया और न ही मेरी ईएमआई को देखते हुए मेरी जेब ने ही यह सुझाव दिया. क्योंकि एक औसत वेतन पाने वाले के लिए हर साल नया आईफोन खरीदना थोड़ा मुश्किल है. लेकिन iPhone 6 Plus के बाद आईफोन के 7th जनरेशन का इंतजार लंबे समय से रहा है. शायद इसलिए भी कि आईफोन 6s/6s plus में ज्यादा कुछ नया नहीं था.
...इसलिए मैं खरीदूंगा iPhone 7 Plus:
1) आईफोन 6 प्लस में पहली कमी यह खलती है कि इसमें आईफोन 6एस प्लस की तरह 3डी टच फीचर नहीं है. 6एस प्लस में ज्यादा कुछ नया नहीं होने के कारण उस पर फिर से पैसे खर्च करना सही नहीं जान पड़ता. लेकिन आईफोन 7 प्लस/प्रो में कई नए फीचर्स हैं जिनके कॉम्बो पैक की तरह इसे लेना एक आईफोन लवर के लिहाज से सही सौदा है.
2) आईफोन 7 सीरीज की डिजाइन में कई बदलाव किए गए हैं, जिनमें हेडफोन जैक का नहीं होना और फोन का पहले से अधिक स्लिम होना शामिल है. ऐसे में जियोनी और दूसरे स्लिम फोन की धौंस दिखाने वालों के लिए भी अब मेरे पास एक जवाब होगा.
3) छनकर आ रही जानकारी के मुताबिक, आईफोन 7 सीरीज में कैमरे की क्षमता को बेहतर किया गया है. खासकर डुअल कैमरे वाला फीचर फोटोग्राफी के अनुभव को बढ़ाने वाला है. वैसे भी आईफोन के कैमरे को सैमसंग के नोट 7 और एस 7 से खासी टक्कर मिली है. यानी अब गेंद एप्पल के पाले में है.
4) सोनी एक्सपीरिया और सैमसंग जैसे ब्रांड पहले ही बाजार में वाटर प्रूफ स्मार्टफोन उतार चुके हैं. ऐसे में बतौर आईफोन यूजर यह कमी 6 सीरीज में खलती है. लेकिन आईफोन 7 सीरीज वाटर प्रूफ होगा. यानी मुझ जैसे बेफिक्री से फोन इस्तेमाल करने वालों के लिए यह किसी वरदान की तरह है.
5) एप्पल आईफोन की साउंड क्वालिटी बेहतरीन है. जबकि आईफोन 7 सीरीज में स्टीरियो स्पीकर और वायरलैस हेडफोन इस अनुभव को और शानदार बनाने वाले हैं.
6) एप्पल का दावा कि 7 सीरीज गेमिंग के अनुभव को और बेहतरीन बनाएगी. इसका सीधा सा मतलब है कि फोन की डिस्पले क्वालिटी पहले से अधिक अच्छी होगी. वैसे भी रेजॉल्यूशन के मामले में सैमसंग एस7 ने एप्पल 6एस प्लस को कड़ी टक्कर दी है.
7) बतौर आईफोन यूजर कंपनी से मेरी एक बड़ी उम्मीद डिस्पले ग्लास को लेकर है. आम तौर पर दूसरे स्मार्टफोन की डिस्पले ग्लास गोरिल्ला ग्लास- 3 या 4 है, जो काफी टफ है. लेकिन एप्पल आईफोन इस मामले में पिछड़ जाता है. कंपनी को डिस्पले ग्लास को टफ बनाना होगा ताकि यह हल्के झटकों को बर्दाश्त कर सके. वैसे जानकारी के लिए बता दें कि एप्पल 6 प्लस के डिस्पले ग्लास की कीमत 20 हजार के करीब है.
8) आईफोन 6 प्लस में 1GB DDR3 रैम और A8 प्रोसेसर है. हालांकि फोन के हैंग होने की शिकायत कभी नहीं रही. लेकिन आईफोन 7 सीरीज 3 जीबी रैम और नए प्रोसेसर की बात की जा रही है. यानी फोन की प्रोसेसिंग पहले से अधिक स्मूद होगी.
9) स्मार्टफोन यूजर की आम शिकायत बैटरी बैकअप को लेकर रहती है. हालांकि 2915 mAh की बैटरी के साथ 6 प्लस ने कभी धोखा नहीं दिया. लेकिन उम्मीद है कि एप्पल इसे बढ़ाकर सफर और लागातार जर्नी के दौरान मुझे इस चक्कर से भी छुटकारा दिलाएगा. इसके अलावा 7 प्लस/प्रो के पीछे तीन मैगनेटिक डॉट्स नई संभावनाओं की ओर इशारा कर रहे हैं, जिसे परखने के लिए भी एक तकनीक प्रेमी के तौर पर मैं बहुत बेताब हूं.
10) आखरी लेकिन सबसे महत्वपूर्ण. मेरी साधारण सी समझ कहती है कि अगर मैं अपने स्मार्टफोन पर 60 से 70 हजार रुपये खर्च कर रहा हूं तो मुझे ऐसा प्रोडक्ट खरीदना चाहिए, जिसके बारे में दुनिया को यह नहीं बताना पड़े कि यह इस असाधारण कीमत का है. जाहिर तौर पर राह चलते एक यूजर का यह रुतबा आईफोन ही दे सकता है.