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4G कनेक्टिविटी नहीं मिल रही? चीन 6G के लिए रिसर्च कर रहा है

चीन के मंत्री के मुताबिक भविष्य में लाइफ को पूरी तरह डिजिटल बनाने में ड्राइवरलेस कार की काफी जरूरत होगी और इसे सही से चलाने के लिए, इन सब के कम्यूनिकेशन के लिए तेज नेटवर्क की जरूरत होगी. ऐसे नेटवर्क की जरूरत होगी जो काफी ज्यादा डेटा तेजी से ट्रांसफर कर सकें.

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Representational Image
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चीन की इनफॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी मंत्रालय ने ऐलान किया है कि अब नेक्स्ट जेनेरशन मोबाइल कम्यूनिकेशन नेटवर्क 6G डेवेलपमेंट की शुरुआत की जाएगी. 13वें नेशनल पीपल कांग्रेस के दौरान चीनी इंडस्ट्री एंड आईटी मंत्री मिआओ वी ने कहा है कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स के लिए ज्यादा बेहतर और योग्य मोबाइल नेटवर्क की जरूरत है इसलिए अब 6G टेक्नॉलॉजी का डेवेलपमेंट किया जाएगा.  

चीन के मंत्री के मुताबिक भविष्य में लाइफ को पूरी तरह डिजिटल बनाने में ड्राइवरलेस कार की काफी जरूरत होगी और इसे सही से चलाने के लिए, इन सब के कम्यूनिकेशन के लिए तेज नेटवर्क की जरूरत होगी. ऐसे नेटवर्क की जरूरत होगी जो काफी ज्यादा डेटा तेजी से ट्रांसफर कर सकें.

रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी मंत्रालय फिलहाल इंटरनेट ऑफ थिंग्स को फोकस करके 6G टेक्नॉलॉजी डेवेलप करने की तैयारी में है. आपको बता दें कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स एक कॉन्सेप्ट है जिसके तहत एक डिवाइस को दूसरे से कनेक्ट किया जाता है. इसके लिए मोबाइल नेटवर्क का सहारा लिया जाता है ताकि उसका परफॉर्मेंस बढ़ाया जा सके और इसमें इंसानों को ज्यादा इन्वॉल्व न होना पड़े.  इसके अलावा इंटरनेट ऑफ थिंग्स के तहत कनेक्टेड डिवाइस का कंट्रोल सेंट्रलाइज करने और आसान करने पर भी काम किया जाता है.

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हालांकि अभी भी 5G पर काम किया जाना बाकी है और हुआवे और जीटीई जैसी चानी कंपनियां तेजी से 5G टेक्नॉलॉजी पर काम कर रही हैं. 5G की बात करें तो इस टेक्नॉलॉजी के तहत मौजूदा स्पीड के मुकाबले 20-50 टाइम ज्यादा तेज कनेक्टिविटी मिलेगी.

हुआवे भारत में भी 5G टेक्नलॉजी के लिए काम कर रही है और कंपनी ने इसके लिए भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के साथ पार्टनर्शिप भी की है. इंडियन मोबाइल कांग्रेस के दौरान हमने हुआवे इंडिया के सीईओ से भारत में 5G टेक्नॉलॉजी के बारे में बातचीत की थी जिसे आप नीचे दिए वीडियो में सुन सकते हैं.

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