scorecardresearch
 

iPhone7 लॉन्च हो गया है, लेकिन क्रेजी न बनें, आपके पास इससे अच्छा स्मार्टफोन है

एप्पल ने iPhone7 और iPhone7 Plus लॉन्च कर दिया है, लेकिन पिछले आईफोन की तरह इसमें कुछ ऐसा नहीं है जो स्मार्टफोन जगत के लिए नया हो. हम आपको बताते हैं कि क्यों iPhone से बेहतर है एंड्रॉयड.

Advertisement
X
iPhone Vs Android?
iPhone Vs Android?

Advertisement

iPhone7 लॉन्च हो चुका है और ऐसा लग रहा है जैसे आईफोन के फैंस एंड्रॉयड यूजर्स को नए पुराने फीचर्स के साथ को मुह चिढ़ा रहे हैं. लेकिन एंड्रॉयड एक ऐसा प्लैटफॉर्म है जिसके जरिए आप वो काम कर सकते हैं जो iOS में कभी संभव नहीं है. गूगल ने एंड्रॉयड का नया वर्जन यानी 7.0 नूगट लॉन्च कर दिया है और जल्द ही इसका फाइनल वर्जन का अपडेट आएगा. फिलहाल नेक्सस स्मार्टफोन में नूगट चल रहा है.

नेक्सस यूजर्स इसे अब तक का सबसे बेहतरीन मोबाइल ओएस बता रहे हैं.

एंड्रॉयड नूगट में कई ऐसी चीजें हैं जो इसे iOS से कई मामलों में बेहतरीन बनाती हैं. ओएस को एक तरफ कर दें दो दूसरी तरफ स्पेसिफिकेशन, कैमरा और फीचर्स के मामले में कई स्मार्टफोन बाजार में हैं जो नए आईफोन से कहीं आगे हैं.

Advertisement

कैमरा का सबसे बड़ा उदाहरण Galaxy S7 Edge है जिसका कैमरा सबसे बेहतरीन है. इसके अलावा Sony के फ्लैगशिप स्मार्टफोन में 4K डिस्प्ले है यानी इस मामले में भी आईफोन सोनी के इस फोन से काफी पीछे है.

हम आपको पॉइंट्स में बताते हैं कि आपका एंड्रॉयड iOS से कई मायनों में बेहतर है.

गूगल ऐसिस्टेंट : चूंकि सर्च इंजन में गूगल नंबर-1, इसलिए गूगल नाउ आपके लिए iOS की सीरी से ज्यादा कायदे की जानकारी आपको देता है. नेविगेशन हो या वेदर की जानकारी चाहिए गूगल नाउ सिंपल और सीधे तरीके से जानकारी देगा.

होम स्क्रीन : आईफोन के होम स्क्रीन पर आप एंड्रॉयड जैसे मन पसंद एप मैनेज नहीं कर सकते हैं. यूजर्स कई बार इस वजह से भी परेशान रहते हैं.

इंस्टैंट एप्स: iOS में बिना इंस्टॉल किए आप कोई एप नहीं चला सकते हैं , लेकिन एंड्रॉयड का इंस्टैंट एप फीचर के जरिए किसी एप को बिना इंस्टॉल किए यूज कर सकते हैं. इससे आपका काम भी हो जाएगा और मेमोरी भी बची रहेगी. कई एप होते हैं जिसे हम एक दो बार ही यूज करते हैं ऐसे में यह आपके काफी काम का है.

डुअल सिम ऑप्शन: भारतीय यूजर्स के लिए डुअल सिम काफी मायने रखता है. देश में रिलायंस जियो सस्ते 4G प्लान के साथ मौजूद है, लेकिन आईफोन यूजर्स इसे इसलिए यूज नहीं कर सकते क्योंकि नंबर बदलना आसान नहीं होता. उनके पास दूसरा ऑप्शन है कि प्राइमरी नंबर को रिलायंस जियो में पोर्ट करा लें, लेकिन अगर जियो सर्विस के मामले फिसड्डी हुआ तो फिर क्या करेंगे ? डुअल सिम स्मार्टफोन निश्चित तौर पर सिंगल सिम से बेहतर होते हैं.

Advertisement

मेमोरी ऑप्शन: आईफोन में आप एक्स्ट्रा मेमोरी नहीं लगा सकते हैं. इस दौर में जब एक फोटो 10MB और वीडियो 500MB की होती है आप 16/32 और 64GB के भरोसे नहीं रह सकते हैं. कुछ महीनों में 50 से ज्यादा एप डाल लेंगे फिर मोबाइल की मेमोरी खत्म. ऐसे में आईफोन यूजर्स के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं होता. लेकिन एंड्रॉयड यूजर अपने फोन में 256GB से तक की मेमोरी लगा सकता है.

iOS के मुकाबले एंड्रॉयड में कस्टमाइजेशन ज्यादा: बात कस्टमाइजेशन की है, यानी अपने स्मार्टफोन को अपने तरीके से ढालने की हो तो एंड्रॉयड का नया वर्जन बाजी मार जाता है. iOS में चाह कर भी आप यह नहीं कर सकते.

कीमत: इस स्टोरी को पढ़ रहे होंगे तो जाहिर है आप भारतीय यूजर होंगे. कीमत सबसे बड़ा मुद्दा है, नया आईफोन लेने के लिए आपको जेब ढीली करनी होगी. इतनी कीमत में अगर हाई एंड एंड्रॉयड स्मार्टफोन और स्मार्ट वाच दोनो हो जाए तो बेहतर होगा ना?

मल्टी टास्किंग: जब बात मल्टी टास्किंग की हो तो एंड्रॉयड का नया वर्जन नूगट नंबर-1 होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें दिए गए स्प्लिट स्क्रीन के जरिए आप एक साथ कई विंडो में काम कर सकते हैं. क्या आईफोन यूजर्स ऐसा कर सकते हैं?

Advertisement
Advertisement