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GhostCtrl एक ऐसा मैलवेयर है जो खुद को रैन्समवेयर में तब्दील करके फिरौती भी मांगता है

यह खतरनाक मैलवेयर अक्सर पॉपुलर ऐप जैसे व्हाट्सऐप और पोकेमॉन गो में छिप कर आपके स्मार्टफोन पर अटैक कर सकता है. मुख्य ऐप लॉन्च होते ही एक ऐसी एपीके फाइल भी इंस्टॉल हो जाती है.

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एक ऐसा वायरस जो आपके एंड्रॉयड स्मार्टफोन में घुसकर हैकर्स को रिमोटली ऐक्सेस करने देता है. अंदाजा लगा सकते हैं हैकर्स आपके स्मार्टफोन से आपकी संवेदनशील फाइल्स से लेकर जरूरी जानाकरियां उड़ा सकते हैं. 

साइबर सिक्योरिटी रिसर्च फर्म ट्रेंड माइक्रो ने एक GhosCtrl नाम का ट्रोजन ढूंढा है जो डिवाइस को हाइजैक कर सकता है. कंपनी के मुताबिक GhostCtrl एक बड़े कैंपेन का हिस्सा है जो विंडो आधारित जानकारी चुराने वाले टेक्नीक यूज करता है.

RETADUP.A नाम के इस मैलवेयर को 27 जून को ढूंढा गया जो इजरायल के अस्पताल को प्रभावित करने की तैयारी में था. इस तरह के मैलवेयर को RAT यानी रिमोट ऐक्सेस ट्रॉजन के नाम से भी जाना जाता है.

यह वायरस GhostCtrl का हिस्सा है जो मोबाइल का पिन रिसेट करके लॉक कर सकता है . इसके बाद यूजर्स से फिरौती के लिए पैसे की मांग की जाती है.

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GhostCtrl नाम का यह मैलवयेर टार्गेट डिवाइस से की जाने वाली बातचीत, ऑडियो और वीडियो भी रिकॉर्ड कर सकता है. चिंता वाली बात ये है कि आपको इसकी भनक भी नहीं मिलेगी की कोई आपकी बातचीत रिकॉर्ड कर रहा है.

यह ऐसा ट्रॉजन है जो खुद को रैन्समवेयर में तब्दील करके फिरौती की भी मांग करता है.

ट्रेंड माइक्रो के मुताबिक लोगों को अपने एंड्रॉयड डिवाइस हमेशा अपडेट करना चाहिए. क्योंकि कंपनी समय समय पर सिक्योरिटी अपडेट जारी करती है.

साइबर सिक्योरिटी जानकारों के अनुमान है कि ऐसी खामी आगे भी आती रहेंगी.

यह खतरनाक मैलवेयर अक्सर पॉपुलर ऐप जैसे व्हाट्सऐप और पोकेमॉन गो में छिप कर आपके स्मार्टफोन पर अटैक कर सकता है. मुख्य ऐप लॉन्च होते ही एक ऐसी एपीके फाइल भी इंस्टॉल हो जाती है.

आम तौर पर व्हाट्सऐप और मैसेंजर जैसे ही दिखने वाले कई फर्जी ऐप्स होते हैं. इन्हें हैकर्स टार्गेट डिवाइस हैक करने और जानकारी चोरी करने के लिए ही बनाते हैं. अगर आप थोड़ा ध्यान दें तो फर्जी ऐप्स को पहचना सकते हैं. क्योंकि इनके नाम, कलर, लोगो और पब्लिशर्स असली से अलग होते हैं. ऐसे में किसी भी ऐसे ऐप्स के चक्कर में न पड़ें.

 

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