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17 साल का युवक Twitter हैकिंग का मास्टर माइंड, हैकिंग से पकड़े जाने तक की पूरी कहानी

Twitter Hacking: माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट पर हुई सबसे बड़ी हैकिंग के बाद अब तीन लोगों की पहचान की गई है जिनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है और एक को जल्द ही कस्टडी में लिया जाएगा.

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ट्विटर हैक का मास्टरमाइंड क्लार्क
ट्विटर हैक का मास्टरमाइंड क्लार्क

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हाल ही में Twitter पर अब तक की सबसे बड़ी हैकिंग हुई. इस दौरान कई हाई प्रोफाइल अकाउंट्स हैक कर लिए गए. इनमें पूर्व अमेरिकी प्रेसिडेंट बराक ओबामा, बिल गेट्स, एलॉन मस्क और रैपर कायन वेस्ट के अकाउंट्स शामिल थे.

चूंकि ये बड़ी हैकिंग थी और इसकी ज़िम्मेदारी किसी हैकिंग ग्रुप ने नहीं ली थी. रिपोर्ट के मुताबिक़ इस हैकिंग के पीछे 17 साल के एक युवक का हाथ है.

हैकिंग का मास्टर माइंड 17 साल का क्लार्क..

ग्राहम इवान क्लार्क फ़्लोरिडा का रहने वाला है और हाई स्कूल ग्रेजुएट है. इस युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है और इस पर 30 चार्ज लगाए गए हैं. इनमें फ़्रॉड, हैकिंग और फेलोनी जैसे चार्ज शामिल हैं. आपको बता दें कि इस युवक को एडल्ट के तौर पर ही चार्ज फ़ेस करने पड़ेंगे.

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बताया जा रहा है कि ग्राहम इवान क्लार्क इस ट्विटर हैकिंग का मास्टरमाइंड था, जबकि इसके साथ दो और शख़्स शामिल थे. इनमें से एक ब्रिटेन का रहने वाला मेसन जॉन है जिसकी उम्र 19 साल है. जबकि दूसरा हैकर निमा फजेली है जिसकी उम्र 22 साल है.

ग़ौरतलब है कि हैकिंग के कुछ समय बाद ही ये ख़बर आई कि इस हैकिंग के पीछे Mr Krik नाम का कोई शख्स है. अब ये बात निकल कर सामने आ रही है कि क्लार्क ही Mr. Kirik के नाम से ऐक्टिव था.

न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ इस केस को हैंडल कर रहे फ़्लोरिडा के अटॉर्नी ने कहा है कि ग्राहम क्लार्क इतने स्किल्ड थे कि ट्विटर के इंटर्नल नेटवर्क में भी उन्हें कोई पकड़ नहीं पाया.

क्लार्क ने कैसे की ट्विटर पर अब तक की सबसे बड़ी हैकिंग?

हाल ही में ट्विटर ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि जांच के बाद कंपनी ने पाया है कि ट्विटर की ये हैकिंग स्पीयर फ़िशिंग के ज़रिए की गई थी. हमने आपको स्पीकर फ़िशिंग के बारे में बताया है.

इन तीनों के पकड़े जाने के बाद भी ये बात सामने आई है कि इस हैकिंग के लिए उन्होंने एक तरह की फिशिंग का ही तरीका अपनाया था. इसे स्पीयर फिशिंग अटैक भी कहा जाता है.

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क्या है स्पीयर फ़िशिंग अटैक - यहां क्लिक करें और पढ़ें.

ट्विटर के कर्मचारी को भरोसे में लेकर टूल का लिया ऐक्सेस..

बताया जा रहा है कि क्लार्क ने ट्विटर के कर्मचारी को किसी तरह से ये भरोसा दिलाया कि वो उसके साथ ही काम करने वाला इंप्लॉइ है और टेक्नॉलजी डिपार्टमेंट में काम करते हैं.

न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़ फ़्लोरिडा के क्रिमिनल एफिडेविट में कहा गया है कि क्लार्क ने ख़ुद को टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट का को-वर्कर बता कर कस्टमर सर्विस पोर्टल का ऐक्सेस हासिल किया. इसके बाद तीनों हैकर्स ने मिल कर 130 अकाउंट्स हैक कर लिए और बिटक्वॉइन स्कैम किया.

इससे पहले भी हैकिंग का रहा है ट्रैक रिकॉर्ड..

क्लार्क ने इससे पहले भी कई हैकिंग की है और इस वजह से जांच एजेंसियां इसे पहले से भी ट्रक कर रहीं थीं. रिपोर्ट के मुताबिक़ ट्विटर हैक से पहले अप्रैल में सीक्रेट सर्विस ने 7 लाख डॉलर वैल्यू के बिटक्वॉइन सीज किए थे.

एफ़बीआई ने कहा है कि फजेली और क्लार्क को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है जबकि शेफ़र्ड को कस्टडी में लिया जाना बाक़ी है.

NYT की रिपोर्ट में कहा गया है कि एफबीआई के एक स्पेशल एजेंट इनचार्ज ने कहा है कि साइबर ब्रीच के मामलों की जांच में सालों लग जाते हैं, लेकिन इस बार हैकर्स को हफ्तों में पकड़ लिया गया है.

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कैसे पकड़े गए हैकर्स?

इन हैकर्स ने इससे पहले कोई बड़ी हैकिंग नहीं की थी. कोर्ट डॉक्यूमेंट्स के हवाले से बताया जा रहा है कि इनका प्लान कुछ समय में ही बिखर गया और इन्होंने अपनी असली आइडेंटिटी का हिंट छोड़ दिया.

इन्होंने बिटक्वॉइन स्कैम द्वारा हासिल किए गए पैसे छुपाने के चक्कर में अपनी रियल आइडेंटिटी का ट्रेस छोड़ दिया और एजेंसियों ने इसी के सहारे तीनों हैकर्स को पकड़ा.

हैकर्स के पकड़े जाने के बाद ट्विटर ने एक स्टेटमेंट जारी किया. कंपनी ने लॉ इनफ़ोर्समेंट एजेंसियों को इस केस पर तेज़ी से ऐक्शन लिए जाने के लिए शुक्रिया अदा किया है. कंपनी ने कहा है कि इस केस के लिए ट्विटर एजेंसियों के साथ आगे भी मिल कर काम करेगी.

ट्विटर ने कहा है, ‘हम ट्रांसेपैरेंट होने और लगातार अपडेट देने के को लेकर फ़ोकस्ड हैं’

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