कल ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन की भारतीय यूनिट वोडाफोन इंडिया और आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी आइडिया सेल्युलर ने मर्जर का ऐलान कर टेलीकॉम सेक्टर की सबसे बड़ी खबर दी थी. दोनों कंपनियां एक साथ आकर भारत की नंबर 1 टेलीकॉम कंपनी बनकर उभर सकती हैं. इससे इनके ग्राहकों के फायदे में रहने के पूरे आसार नजर आर रहे हैं.
रिलायंस जियो ने टेलीकॉम बाजार में आकर ऐसी प्रतिस्पर्धा को जन्म दे दिया है जिससे पहले से पांव पसारे बैठे टेलीकॉम दिग्गजों को अपने सर के उपर छत बचाने की नौबत आ पड़ी. शायद जियो न होता तो इस विलय की कहानी भी न होती. अब चूंकि आइडिया और वोडाफोन एक हो गईं हो तो अब रिलायंस जियो, एयरटेल, आइडिया-वोडाफोन समेत चंद कंपनियां ही बचीं हैं. और पिछली खबरों के मुताबिक BSNL-MTNL भी एक होने जा रहीं हैं. ऐसे में हमारी आशा है कि गला काट प्रतियागिता के बढ़ने से ग्राहकों को फायदा पहुंचेगा.
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ये हो सकते हैं फायदे:
नए ऑफर के साथ जियो कर सकता है पलटवार
मर्जर के बाद दोनों के कस्टमर्स को जोड़ कर सबसे ज्यादा ग्राहक इनके हिस्से में हो गए हैं. जो जियो से भी ज्यादा हैं, इस वजह से जियो को बराबरी की टक्कर मिलेगी. लेकिन जियो की पुरानी हरकतों से ऐसा आभास होता है कि कहीं जियो फिर पलटवार करते हुए कोई नया और दमदार ऑफर न पेश कर दे.
प्राइस वॉर
रिलायंस जियो ने वेलकम ऑफर पेश किया उसके बाद हैपी न्यू इयर ऑफर और कॉलिंग हमेशा मुफ्त रखने का वादा भी कर दिया. इन ऑफर्स ने प्राइस वॉर को एक अलग ही लेवल दे दिया. अब वोडाफोन और आइडिया एक साथ आ गईं हैं साथ ही रिलायंस कम्यूनिकेशन भी बाजार में बने रहने के हर संभव प्रयास करेगा, ऐसे में तय है कि प्राइस वॉर की इस भिड़ंत में टेलीकॉम सर्विसेस सस्ते हो सकतें हैं.
बेहतर नेटवर्क
दोनों कंपनियों के विलय के बाद आइडिया और वोडाफोन का नेटवर्क एक हो जाएगा, इससे पूरी उम्मीद है कि ग्राहकों को बेहतर नेटवर्क कनेक्टिविटी मिलेगी.
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दमदार ऑफर
आइडिया और वोडाफोन मर्जर के बाद दोनों कंपनियां एक होकर काम करेगी, ऐसे में मौका भी है और दस्तूर भी. मौका बिल्कुल भुनाया जाएगा और लोकलुभावन प्लान्स की बरसात हो सकती है. क्या पता इनका ही कोई वेलकम ऑफर आ जाए!
सर्विस क्वालिटी सुधरने की है संभावना
हो सकता है कि आपको आने वाले समय में कॉल ड्रॉप और स्लो नेटवर्क जैसी परेशानियों का सामना न करना पड़े. क्योंकि वोडाफोन और आइडिया एक होने के बाद एक दूसरे की संसाधनों का उपयोग करेंगी इससे उनकी लागत कम होगी और दोनों की टेक्नोलॉजी एक हो जाने से ग्राहकों को डबल फायदा हो जाए.
प्रतिस्पर्धा यहीं नहीं थमेगी
खबर है कि रिलायंस क्म्यूनिकेशन, एयरसेल, टाटा टेली सर्विसेज और MTS मिलकर एक बड़ी कंपनी बना सकती हैं और भारती एयरटेल ने पहले ही टेलीनॉर का भारतीय बिजनेस खरीद लिया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि पिक्चर तो अभी बाकी है, देखो टेलीकॉम कंपनियों के खजाने से अभी ग्राहकों के लिए और क्या-क्या निकलता है.