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iPhone X की डिमांड पूरी करने के लिए छात्र कर रहे हैं ओवरटाइम

फिनांशियल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि 17 से 19 साल के बीच के छात्रों को इस फैक्ट्री में सितंबर में इंटर्न्स के तौर पर हायर किया गया था और फिर यहां चीन के ही प्लांट में उन्हें ऐसेंब्लिंग युनिट में काम करने को कहा गया.

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Representational Image
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Apple का लेटेस्ट फ्लैगशिप iPhone X बिक्री के साथ ही आउट ऑफ स्टॉक हो जा रहा है. टेक्नॉलॉजी दिग्गज ऐपल अपने स्मार्टफोन्स फॉक्सकॉन के जरिए निर्माण कराती है. यानी फॉक्सकॉन ही iPhone X ऐसेंबल कर रही है. चूंकि iPhone X की डिमांड ज्यादा है इसलिए इसके प्रोडक्शन में कंपनी तेजी लाना चाहती है. फिनांशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐपल का मुख्य सप्लायर स्टूडेंट्स को अवैध तरीके से ओवरटाइम काम करा कर iPhone  X की प्रोडक्शन में तेजी लाने का काम कर रही है.

फिनांशियल टाइम्स की रिपोर्ट में छह हाई स्कूल के छात्रों की बात चीत है. रिपोर्ट्स के मुताबिक फॉक्सकॉन की चीनी प्लांट में हाई स्कूल के छात्र लगातार 11 घंटे iPhone X की ऐसंब्लिंग कर रहे हैं जो वहां के कानून के हिसाब से अवैध है. उन छात्रों का कहना है कि वो उन 3,000 छात्रों के ग्रुप से हैं जिन्हें वहां के अर्बन रेल ट्रांजिट स्कूल से भेजा गया है.

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फिनांशियल टाइम्स में कहा गया है कि 17 से 19 साल के बीच के छात्रों को इस फैक्ट्री में सितंबर में इंटर्न्स के तौर पर हायर किया गया था और फिर यहां चीन के ही प्लांट में उन्हें ऐसेंब्लिंग युनिट में काम करने को कहा गया.

इस रिपोर्ट में FT ने वहां काम कर रहीं यैंग से बातचीत की है जो एक दिन में 1,200 iPhone X का कैमरा ऐसेंबल करती हैं . उनका कहना है, ‘इस काम का पढ़ाई से कोई लेना देना नहीं है. हमें स्कूल की तरफ से यहां काम करने के लिए जबरदस्ती की जाती है’

FT  की रिपोर्ट के बाद ऐपल और फॉक्सकॉन ने इस मामले को माना है और उन्होंने पाया है कि वहां छात्र, इंटर्न ओवरटाइम काम कर रहे हैं और इसके लिए रेमेडियल ऐक्शन लिया जाएगा. लेकिन दोनों ही कंपनियों ने कहा है कि छात्र वहां स्वेक्षा से काम रहे थे. फॉक्सकॉन ने कहा है कि  इसका इंटर्नशिप प्रोग्राम सरकार और चीन के वोकेशनल स्कूल के कॉपरेशन ही चलता है.

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