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अमेरिकी सिनेटर ने उठाया iPhone X के Face ID पर सुरक्षा से जुड़े सवाल, जानिए क्यों?

रिकोड की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सिनेटर फ्रैंकेन ने कई सवाल उठाए हैं और कंपनी से प्राइवेसी और सेफगार्ड के बारे में जानकारी की मांग कर रहे हैं. मुख्य तौर पर उनका सवाल है कि बायोमेट्रिक डेटा रखा कहां जाएगा?

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iPhone X
iPhone X

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iPhone X लॉन्च के बाद से अमेरिका में एक प्राइवेसी को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. सवाल ये है कि iPhone X से फिंगरप्रिंट स्कैनर यानी टच आईडी को अब फेशियल रिकॉग्निशन यानी फेस आईडी से रिप्लेस कर दिया गया है. मतलब ये है कि अब आपको iPhone X अनलॉक करने के लिए चेहरा दिखाने की जरूरत होगी चाहे दिन हो या रात. कंपनी ने ऐसी टेक्नॉलॉजी लगाई है जिससे अंधेरे में भी चेहरा स्कैन होता है.

सबसे पहले आपको अपने फेस स्कैन करके फेसप्रिंट सेव करना होगा जिसे आईफोन खुद करेगा. अब सवाल ये उठता है कि क्या हर यूजर की बायोमेट्रिक डीटेल यानी फेसप्रिंट ऐपल के सर्वर पर सेव होगा? या सिर्फ कस्टमर्स के ही फोन में रहेगा.

रिकोड की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सिनेटर फ्रैंकेन ने कई सवाल उठाए हैं और कंपनी से प्राइवेसी और सेफगार्ड के बारे में जानकारी की मांग कर रहे हैं. मुख्य तौर पर उनका सवाल है कि बायोमेट्रिक डेटा रखा कहां जाएगा?

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उनका मानना है कि ऐपल इन नए अनलॉकिंग सिस्टम से कलेक्ट किए गए फेसप्रिंट्स को अपने बिजनेस के फायदे के लिए दूसरे सेक्टर्स में बेच सकता है. इसके अलावा निगरानी के लिए कंपनी किसी थर्ड पार्टी एजेंसी को दे सकती है. उनका यह भी मानना है कि सरकारी एजेंसियां ऐपल से यूजर्स के फेसप्रिंट्स की मांग भी कर सकती हैं. 

उन्होंने फेशियल रिकॉग्निशन के मुद्दे पर ऐपल को लिखा है. रिकोड के मुताबिक ऐपल ने पहले से ही इस तरह के मुद्दे पर अपनी सफाई दी है. कंपनी के सिनियर वाइस प्रेसिडेंट फिल शिलर ने कहा है कि फेशियल रिकॉग्निशन डेटा यूज के आईफोन तक ही रहेगा और इसे ऐपल के क्लाउड सर्वर पर नहीं भेजा जाएगा.

इस सफाई के बावजूद अमेरिकी नेता फ्रैंकेन के पास ऐपल के सईओ टिम कुक से कई सवाल हैं . इन सवालों में मुख्य तौर पर ये शामिल हैं.

-    क्या ऐपल या थर्ड पार्टी को यह अख्तियार होगा कि वो रिमोटली या मोबाइल को ऐक्सेस करके iPhone X द्वारा स्टोर की जाने वाले यूजर फेसप्रिंट डेटा को अपने इस्तेमाल में ला सके.

-    फ्रैंकेन ने यह भी कहा है कि ऐसा संभव है कि ऐपल बाद में अपना फैसला बदल ले और इसे रिमोटली अपने सर्वर पर सेव करना शुरू कर दे.

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अगर आपको याद हो सैन बर्नाडिनो शूंटिंग के बाद ऐपल ने एफबीआई को उसका आईफोन अनलॉक करने से मना कर दिया था. मामल कोर्ट तक गया, लेकिन फिर भी ऐपल अपनी प्राइवेसी पॉलिसी का हवाला देकर लॉक ना खोलने पर अड़ा रहा. लेकिन बाद में एफबीआई ने प्राइवेट हैकर के आईफोन को अनलॉक करा लिया. बाद में बात सामने आई की एफबीआई ने इसके लिए एक स्पेश टूल खरीदा है जिससे शूटर का आईफोन में खोला गया.

हालांकि फ्रेंकेन ने ऐपल के इस खंडन के बाद कि वो बायोमेट्रिक डेटा किसी दूसरे को नहीं देगा उन्होंने एक बार फिर से इस पर पुख्ता जानकारी की मांग की है.

गौरतलब है कि भारत में भी आधार को लेकर ऐसी बहस लगातार जारी है, क्योंकि आधार के लिए भी यूजर्स की बायोमेट्रिक डीटेल्स ली जा रही है. अब कहीं न कहीं iPhone X के साथ यही समस्या है. फिलहाल कंपनी ने फ्रैंकेन के इस बयान के बात कुछ भी नहीं कहा है.

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