देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो नेट न्यूट्रैलिटी का उल्लंघन कर रही है और प्रॉक्सी वेबसाइट्स को ब्लॉक कर रही है. ऐसा हम नहीं, बल्कि पॉपुलर डिस्कशन वेबसाइट रेडिट के थ्रेड में कई लोग कह रहे हैं. 3 जनवरी 2019 को एक रेडिट यूजर ने थ्रेड बनाया और इसमें कहा गया कि रिलायंस जियो प्रॉक्सी वेबसाइट्स को ब्लॉक कर रही है.
क्वॉर्ट्ज की एक रिपोर्ट के मुताबिक 250 मिलियन कस्टमर्स वाली ये कंपनी अगर ऐसा करती है तो ये नेट न्यूट्रैलिटी पर बड़े सवाल खड़ा करता है. नेट न्यूट्रैलिटी यानी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा डेटा को बराबर का हिस्सा देना है.
माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन ने एक ट्वीट किया है. इसमें लोगों से पूछा गया है कि कौन सी कंपनी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) ब्लॉक कर रही है.
Are VPNs being blocked by your ISP? If yes, please paste below with details of ISP and VPN provider. https://t.co/Qucn7nODjQ
— Internet Freedom Foundation (IFF) (@internetfreedom) December 17, 2018
रेडिट पर पोस्ट किए गए इस थ्रेड में कई लोगों ने रिपोर्ट किया है जिसमें उन्होंने अलग अलग प्रॉक्सी वेबसाइट्स का नाम बताया है जिसे कंपनी ने ब्लॉक किया है. कुछ लोगों का कहना है कि कई बार HTTPS यूज करने से प्रॉक्सी वेबसाइट्स खुल रही हैं. इस पोस्ट में यह भी कहा गया है कि जियो ने पहले से ही पॉर्न वेबसाइट्स ब्लॉक कर दिए हैं अब आगे क्या ब्लॉक किया जाएगा. इसे मोरल पुलिसिंग भी बताया गया है.
Jio is blocking proxy websites from r/india
इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर आपार गुप्ता ने क्वॉर्ट्ज को बताया है, ‘जियो से प्रॉक्सी साइट ऐक्सेस नहीं कर सकते, लेकिन दूसरे नेटवर्क से आप ऐसा कर सकते हैं जो ये दर्शाता है कि जियो ने इसे रेस्ट्रिक्ट किया है. भारतीय कानून के तहत प्रॉक्सी साइट्स और वीपीएन अवैध नहीं हैं’
उन्होंने ये भी कहा है कि अगर जियो की तरफ से ऐसा किया जा रहा है तो ये नेट न्यूट्रैलिटी के प्रिंसिपल के खिलाफ है और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स की ड्यूटि है कि वो एंड यूजर्स के च्वाइस में कोई दखलअंदाजी न करे.
हमने जियो से इस मामले पर स्टेटमेंट मांगा है और मिलते ही हम अपडेट करेंगे.