इस दिवाली में देश भर में एक चीजें लगभग हर जगह देखने को मिलीं और वो ये कि लोग चीनी सामान का बायकॉट करते रहे. चाहे सोशल मीडिया हो या फिर चीनी लाइट्स हर जगह इनका विरोध किया गया और मान लिया गया कि इस बार स्वदेशी दिवाली मन गई. अमेरिकी मार्केट रिसर्च कंपनी आईडीसी के मुताबिक 2016 की दिवाली चीनी दिवाली थी. इसके पीछे कई बड़ी वजहें हैं. एक तरफ लोगों ने चीनी लाइट्स का बहिष्कार किया जबकि दूसरी तरफ सबसे ज्यादा खरीदारी चीनी स्मार्टफोन की ही की गई है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस अक्टूबर देश में चीनी कंपनी लेनोवो और शाओमी स्मार्टफोन के बाजार में सैमसंग के बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे. जबकि आमतौर पर सैमसंग के बाद भारत मे माइक्रोमैक्स का नंबर दूसरा है. इससे आपक अंदाजा तो हो ही गया होगा की किस कदर लोगों ने चीनी सामान लेने में दिलचस्पी जताई है.
आईडीसी (इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन) के सिनियर मार्केट अनालिस्ट उपासना जोशी ने कहा है, 'इस बार लगभग चीनी स्मार्टफोन दिवाली थी'
उन्होंने कहा है, 'चीनी कंपनियों की ऑफलाइन रीटेल काउंटर्स के जरिए बिक्री में बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा ऑनलाइन चैनल के जरिए भी इनमें बढ़ोतरी हुई है. ऑप्पो और वीवो अपने बेहतर बिल्ड क्वॉलिटी और मार्केटिंग निवेश के जरिए भी ऑफलाइन चैनल में भी बढ़त बनाने में फिर से कामयाब रहे हैं.'
ओप्पो और वीवो के अलावा शाओमी और वन प्लस के भी स्मार्टफोन दिवाली पर ऑनलाइन बिके. लेकिन बहीं स्वदेशी कंपनियां माइक्रोमैक्स और इंटेक्स के मोबाइल बाजार से शेयर कम हो गए. ऑक्टूबर में माइक्रोमैक्स के कोरोबार में गिरावट दर्ज की गई जबकि उसी महीने में कुल मार्केट शेयर 6.8 फीसदी था.
आईडीसी के मार्केच अनालिस्ट के मुताबिक फेस्टिव सीजन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों ने छोटे शहरों के विक्रेताओं पर बेहतर डिलिवरी नेटवर्क बनाने पर निवेश किया. इतना ही नहीं अगले साल में देश में कुछ और चीनी कंपनियां दस्तक देने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा लईको भी लगातार निवेश कर रहा है ताकि अगले साल भारतीय मोबाइल बाजर में असर डाल सके