आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग के खिलाफ अमेरिकी फेडरल कोर्ट में मुकदमा दायर किया है. मामला पेटेंट रॉयल्टी के भुगतान से जुड़ा है.
माइक्रोसॉफ्ट का आरोप है कि स्मार्टफोन बाजार में अग्रणी स्थान हासिल करने के बाद सैमसंग ने उसके साथ हुए करार के मुताबिक पिछले साल से भुगतान करना बंद कर दिया है. माइक्रोसॉफ्ट का दावा है कि सैमसंग के स्मार्टफोन और टैबलेट में उसकी पेटेंटेड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. लेकिन सैमसंग इसके बदले भुगतान नहीं कर रही है. इस बारे में सैमसंग का कहना है कि वह शिकायत का विस्तार से अध्ययन करने के बाद ही अगला कदम तय करेगी.
माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि दोनों कंपनियों के बीच साल 2011 में पेटेंट समझौता हुआ था. उसके द्वारा नोकिया के अधिग्रहण के बाद से सैमसंग ने पेटेंट समझौते के प्रावधानों का पालन बंद कर दिया है. महीनों की बातचीत विफल रहने के बाद वह कोर्ट का सहारा लेने पर विवश हुई है.
करार के तहत सैमसंग को उसके एंड्रायड स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाली माइक्रोसाफ्ट की तकनीक के लिए उसे प्रत्येक फोन की बिक्री के हिसाब से कुछ राशि का भुगतान करना होता है. साल 2011 में सैमसंग ने एंड्रॉयड आधारित 8.2 करोड़ स्मार्टफोन बेचे थे. तीन साल बाद यह आंकड़ा चार गुना बढ़कर 31.4 करोड़ हो गया.
माइक्रोसॉफ्ट के डिप्टी जनरल काउंसल डेविड होवार्ड ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि सितंबर 2013 में नोकिया डिवाइसेज एंड सर्विसेज बिजनेस का अधिग्रहण करने के बाद से सैमसंग ने इसे गलत बताकर समझौते का उल्लंघन शुरू कर दिया. साल 2007 में एपल का आई-फोन आने से पहले नोकिया मोबाइल फोन बाजार में नंबर वन कंपनी थी.