अगर आप का फोन देश की राजधानी दिल्ली में चोरी हुआ है या उसको आप से छीन लिया गया है या फिर वो गुम हो गया है, तो आप भूल जाइए की वो फोन आपके पास कभी वापस भी आएगा. आप भले अपने उस गुम हुए फोन की पुलिस शिकायत भी दर्ज करा दें, उसको सर्वेलान्स पर भी लगवा दें. यकीन मानिए आप का मोबाइल तब भी आप के पास वापस नहीं पहुंच पाएगा.
दिल्ली में मोबाइल एक दो नहीं बल्कि दर्जनों ऐसे गैंग काम कर रहे हैं, जिनके बारे में अब हम आपको यहां जानकारी दे रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है, इनका नाम महताब मलिक और प्रवीण शर्मा है. ये दोनों महज 5वीं पास हैं. इन्होंने कुछ ऐसे डिवाइस खरीदे जिससे आप का कीमती मोबाइल फोन और उसकी पहचान बदल दी जाती थी. इन डिवाइस के जरिए ये युवक चोरी किए या छीने गए मोबाइल फोन का सबसे पहले लॉक खोल देते थे.
इसके बाद आप के फोन में मौजूद गूगल का पासवर्ड खोल लिया जाता था. फिर आप के मोबाइल के सारे डाटा को क्लीन कर दिया जाता. इसके बाद मोबाइल के सबसे भरोसेमंद IMEI नंबर को बदल दिया जाता था. इस डिवाइस का नाम है (UMT) अल्टीमेट मल्टीपरपज टूल्स. ये डिवाइस एक डोंगल की तरह होता है जिसके जरिए मोबाइल का पैटर्न लॉक खोला जाता है. साफ शब्दों में कहें तो आप का फोन अनलॉक किया जाता है.
फिर VST डिवाइस, ये भी एक पेन ड्राइव की तरह होता है जिसके जरिए आप के मोबाइल फोन के गूगल अकाउंट को खोलकर फोन की सारी जानकारी और डाटा क्लीन कर दिया जाता है. Octopus डिवाइस के जरिए आप के मोबाइल का IMEI नंबर बदल दिया जाता है. Dc Unlocker Ghost डिवाइस, इसके जरिए जो मोबाइल फोन किसी खास और विदेशी नेटवर्क से जुड़े होते हैं और जिन मोबाइल फोन के सिक्योरिटी फीचर को तोड़ पाना मुश्किल होता है उसको भी इस डिवाइस के जरिए अनलॉक कर दिया जाता है. उन फोन का भी IMEI नंबर बदल दिया जाता है.
पुलिस गिरफ्त में आए इन दो लड़कों ने इन्हीं तमाम डिवाइस के जरिए दिल्ली में सैंकड़ों मोबाइल फोन चुराए और उसके बाद इन डिवाइसेज़ की मदद से तमाम मोबाइल फोन्स को नया बनाकर उनमें नकली पार्ट्स लगाए और वापस बाजार में बेचने के लिए तैयार कर दिए गए.
संगम विहार पुलिस ने इनके कब्जे से 65 मोबाइल फोन और ये तमाम डिवाइस बरामद किए हैं. पुलिस खुद ये मान रही है की नई-नई तकनीक और दिल्ली के गफ्फार मार्केट जैसे बाजार में आसानी से मिलने वाली इन डिवाइस के जरिए दिल्ली में कई गैंग आप के मोबाइल फोन पर हाथ साफ कर रहे हैं और उसको नया बना रहे हैं. लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इनका तोड़ नहीं निकाल पा रही हैं. इसी वजह से आप का चोरी हुआ फोन सर्विलांस पर होने के बावजूद नहीं मिल पाता है.
देश की राजधानी या किसी भी राज्य में मोबाइल फोन तलाशने में पुलिस इसलिए फिस्सडी साबित हो रही है, क्योंकि चुराए गए मोबाइल फोन का जब IMEI नंबर बदल दिया जाता है और एक ही IMEI को कई मोबाइल फोन का IMEI बना दिया जाता है. तो ऐसे फोन ट्रैक नहीं हो पाते, अगर चोरी के फोन पुलिस किसी गैंग के कब्जे से बरामद भी कर ले, तब भी उस फोन का असली मालिक कौन है, ये पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है.
यानी आप का कीमती मोबाइल फोन भले पुलिस के माल खाने में आ भी जाए, आप उसको पहचानते भी हैं. लेकिन ये साबित करना मुश्किल हो जाएगा कि ये फोन आप का ही है.